वी कुमार/मंडी
दल बदल की राजनीति को लेकर अपनी पहचान बनाने वाले पंडित सुखराम के परिसर को अब सरेआम भी सार्वजनिक स्थल पर फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। पहले मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में बैठने की जगह न मिलने पर पूर्व मंत्री अनिल शर्मा वापस लौट गए थे, लेकिन कोटली में आयोजित जनमंच में अनिल शर्मा को कुर्सी तो मिल गई, लेकिन इस दौरान जो कुछ हुआ, उसने पूर्व मंत्री अनिल शर्मा को आईना तो दिखाया ही होगा।
सदर के विधायक अनिल शर्मा को मंच पर देखकर करनाल गांव के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। हालांकि पूर्व मंत्री ने जवाब देने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण थे कि सुनने को तैयार ही नहीं हुए। आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के दखल पर ग्रामीणों को शांत करवाया गया। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में आईपीएच मंत्री ने कोटली में ही पंडित सुखराम के परिवार पर तीखा हमला बोला था।
पूर्व मंत्री अनिल शर्मा ने जब ग्रामीणों को फोरेस्ट क्लीयरेंस व जमीन को लेकर दलील देने की कोशिश की तो ग्रामीणों का गुस्सा ओर बढ़ गया। यहां तक कहा कि वो कट्टर कांग्रेसी थे, लेकिन जब नीयत बदनीयत हो जाए तो दुनिया पलट जाती है।
ग्रामीणों ने कहा कि यदि नए मंत्री कहेंगे कि काम होगा तो हमें इस पर विश्वास है, लेकिन आपने (अनिल शर्मा) तुंगल घाटी का कोई विकास नहीं किया। क्लोथर से करनाल तक 30 सालों में सड़क नहीं निकल पाई। सनद रहे कि कोटली इलाका पंडित सुखराम का गढ़ माना जाता है, मगर ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।