अनिल छांगू/ फतेहपुर
उपमंडल की गोलवां पँचायत के हाड़ा गांव के वायुसेना में तैनात कॉर्पोरल अभिषेक बड़जात्या का शनिवार को पैतृक गांव में सैन्य सम्मान सहित अंतिम संस्कार कर दिया गया। शनिवार सुबह लगभग साढ़े आठ बजे 18 विंग एयरफोर्स स्टेशन पठानकोट के फ्लाइट लेफ्टिनेंट विजय शर्मा के नेतृत्व में 52 जवानो की टुकड़ी अभिषेक की पार्थिव देह को लेकर पैतृक गांव पहुंची। इस दौरान अभिषेक बड़जात्या के पिता बाबूराम भी साथ ही थे। 40 विंग एयरफोर्स स्टेशन ग्वालियर में तैनाती के दौरान अभिषेक की तबीयत 15 दिसम्बर 2018 को अचानक खराब हो गई। गंभीर बीमारी की हालत में उन्हें आरआर अस्पताल दिल्ली लाया गया। डॉक्टरों की देखरेख में लगभग छ: माह से चल रहे इलाज के दौरान ही उन्होंने शुक्रवार शाम लगभग साढ़े चार बजे इस संसार को अलविदा कह दिया।
कॉर्पोरल अभिषेक बड़जात्या की पार्थिव देह जैसे ही उनके पैतृक गांव पहुंची तो चारों तरफ चीखो पुकार के साथ गांव का माहौल गमगीन हो गया। वहीं अभिषेक की माता रीता बड़जात्या को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनका लाडला इकलौता बेटा अब इस दुनिया मे नहीं रहा। इसी बीच 18 विंग एयरफोर्स स्टेशन पठानकोट की टुकड़ी ने कॉर्पोरल अभिषेक बड़जात्या को 10 बंदूकों की सलामी दी। वहीं वायुसेना के फ्लाइट लेफ्टिनेंट विजय शर्मा ने पार्थिव देह के साथ लिपटे राष्ट्रीय ध्वज को उनके पिता बाबू राम बड़जात्या को बेटे की अंतिम निशानी के तौर पर भेंट किया।
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पार्थिव देह को चचेरे भाई अमन बड़जात्या ने मुखाग्नि दी। अभिषेक बड़जात्या की 40 विंग एयरफोर्स स्टेशन ग्वालियर के साथी कॉर्पोरल रविन्द्र कुमार व सुबोध कुमार ने बताया कि अभिषेक बेहद मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। स्कूल के सहपाठियों ने बताया कि अभिषेक पढ़ाई के साथ अन्य हर गतिविधि में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता था, नौकरी के दौरान भी जब कभी घर आता तो अपने दोस्तों से मिलना नहीं भूलता।