एमबीएम न्यूज़/नाहन
सिरमौर में गत वर्ष के दौरान कन्या जन्म दर का ग्राफ काफी बढ़ा है। इस अवधि के दौरान 0 से 1 वर्ष की आयु वर्ग में एक हजार बालकों के मुकाबले 1004 कन्याएं पैदा हुई हैं, जो सिरमौर की बड़ी उपलब्धि है।
2018-19 के दौरान जिला में 4065 बालकों के मुकाबले 4082 कन्याओं ने जन्म लिया है। जिनमें सर्वाधिक 1,588 बेटियां पांवटा विकास खण्ड में पैदा हुई हैं। जबकि इस खण्ड में 1,509 लड़कों ने जन्म लिया है। संगड़ाह विकास खण्ड में 602 लड़कों के मुकाबले 634 कन्याएं, राजगढ़ विकास खण्ड में 372 लड़कों के मुकाबले 315 कन्याएं, शिलाई विकास खण्ड में 563 लड़कों के मुकाबले 530 कन्याएं, पच्छाद विकास खण्ड में में 376 लड़कों के मुकाबले 359 कन्याएं और नाहऩ विकास खण्ड में 652 लड़कों के मुकाबले 656 कन्याओं ने जन्म लिया।
सिरमौर में 0 से 6 आयु वर्ग की कन्या जन्म दर लिंगानुपात वर्तमान में बढ़कर 963 हो गई हैं। जबकि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार सिरमौर की कन्या जन्म दर लिंगानुपात 931, हिमाचल प्रदेश की 906 और भारत की 918 थी।
उपायुक्त ललित जैन ने बताया कि सिरमौर में “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया गया। इस कार्यक्रम के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए अनेक कार्यक्रम आरंभ किए गए, जोकि वर्तमान में भी जारी हैं। उन्होने बताया कि जिला में बेटी के जन्म पर जिला प्रशासन की ओर से अभिभावकों को घर जाकर बधाई संदेश देने के अतिरिक्त उपहार भी दिए गए। इसके अतिरिक्त निर्धन परिवार की बेटियों को दस-दस हजार की राशि बैक फिक्स डिपोजिट के रूप में प्रदान की गई।
उपायुक्त ने कहा कि “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 20 पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा। शनिवार को यहां “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की रखी गई थी।