एमबीएम न्यूज/शिमला/नाहन
अतिक्रमण को लेकर देश की दूसरी सबसे पुरानी नाहन नगर परिषद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नगर परिषद ने उदासीन रवैया अपनाया। लिहाजा ताजा घटनाक्रम में हाईकोर्ट ने तमाम पार्षदों के अलावा कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है। इस बाबत मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद नगर परिषद में हडकंप मचा हुआ है।
अमर उजाला की खबर के मुताबिक न्यायधीश तरलोक सिंह चौहान ने तमाम पार्षदों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि अदालती आदेशों की अवहेलना किए जाने पर उनके खिलाफ क्यों न कार्रवाई की जाए। साथ ही कार्यकारी अधिकारी से यह पूछा गया है कि नगर परिषद अधिनियम के अनुसार क्यों न इस नगर परिषद को भंग कर दिया जाए। अहम बात यह है कि सिरमौर के उपायुक्त व एसडीएम को भी अवमानना का नोटिस जारी किया गया है। 5 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई निर्धारित की गई है।
इससे पहले अनिल अग्रवाल द्वारा जनहित याचिका के बाद नगर परिषद ने अपने जवाब में कहा था कि 10 जनवरी की आम सभा में अतिक्रमण व अवैध निर्माण करने वालों को 15 दिन का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। 28 मार्च को बैठक में बताया गया कि 280 अवैध निर्माण व अतिक्रमण के मामले पाए गए हैं, जिनकी 30 दिन के भीतर बिजली काटने को लेकर नोटिस जारी हुए हैं। नगर परिषद ने 244 लोगों की सूची हाईकोर्ट के सामने रखी थी।
साथ ही कहा था कि इनकी बिजली काटने के आदेश जारी किए जा रहे हैं। जानकारी यह भी है कि हाईकोर्ट की पहले भी नगर परिषद को भंग करने की तल्ख टिप्पणी के बावजूद नगर परिषद ने उदासीन रवैया अपनाए रखा। यही कारण है कि हाईकोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी किया है।