एमबीएम न्यूज़/शिमला
हिमाचल सरकार ने प्रदेश में संचालित एक दर्जन से अधिक प्राइवेट यूनिवर्सिटी अब विद्यार्थियों से मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने निजी यूनिवर्सिटी के लिए शैक्षणिक सत्र 2019-20 के फीस स्ट्रक्चर को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इसके मुताबिक हाॅस्टल फीस में पांच फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। अधिसूचना में कहा गया है कि फीस का भुगतान दो किश्तों में किया जाएगा। हर कोर्स में 10 प्रतिशत सीटें गरीबी रेखा से नीचे यानी बीपीएल व एकीकृत ग्रामीण विकास के लिए आरक्षित होंगी। ऐसे छात्रों से टयूशन फीस नहीं ली जाएगी।
अहम बात यह है कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी अब पहले की तरह बिल्डिंग फंड, इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, डेवलेपमेंट फंड विद्यार्थियों से नहीं वसूलेंगे। दरअसल यह सामने आ चुका है कि सूबे में कुछ यूनिवर्सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी के नाम पर छात्रों को गुमराह करती हैं। इनमें यूजीसी नियमों के तहत फैकल्टी अप्वाइंट नहीं होती।प्राइवेट यूनिवर्सिटी को निर्देश दिए गए हैं कि यूजीसी, एआईसीयूटी, एमसीआई, एनसीटीई और अन्य नियामक निकायों द्वारा मंजूर कोर्स ही चलाएं और रिफंड होने वाली सिक्योरिटी राशि को कोर्स के आखिरी साल की फीस में एडजस्ट किया जाए।
अधिसूचना के अनुसार प्राइवेट यूनिवर्सिटी उच्च शिक्षा संस्थानों के अनिवार्य मूल्यांकन और मान्यता का अनुपालन करेंगे। अधिनियम में उल्लेखित मानदंडों के अनुसार लेखा और बैलेंस शीट तैयार करेंगे तथा शिक्षा नियामक को प्रस्तुत करेंगे।
सनद रहे कि राज्य में एक दर्जन से अधिक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में 1200 के करीब छात्र अध्ययनरत है। जिन प्राइवेट यूनिवर्सिटी के लिए फीस स्ट्रक्चर तय हुआ है, उनमें आईसीएफएआई बद्दी, एमएमयू सोलन, मानव भारती सोलन, श्री साईं विश्वविद्यालय पालमपुर, चिटकारा विश्वविद्यालय बरोटीवाला, एपीजी (अलख प्रकाश गोयल) विश्वविद्यालय शिमला, आईईसी विश्वविद्यालय बद्दी, महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय बद्दी, बाहरा विश्वविद्यालय वाकनाघाट, बद्दी यूनिवर्सिटी आफ इमर्जिंग साइंस एंड टेक्नालॉजी, अभिलाषी विश्वविद्यालय मंडी इटरनल विश्वविद्यालय बडू साहिब सिरमौर इत्यादि शामिल हैं।