एमबीएम न्यूज़/नाहन
प्रदेश की आर्थिक नगरी में स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे हैं। 17 जून तक शिशु रोग विशेषज्ञ के छुट्टी पर जाने से उन लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें नवजात के साथ-साथ अन्य बच्चों का उपचार करवाना होता है।
अब आप सोच रहे होंगे कि जब करोड़ों रुपए की लागत से बने पावंटा साहिब अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं है तो उपचार कैसे हो रहा होगा। इसका जवाब यह है कि मजबूरन या तो लोगों को निजी स्वास्थ्य संस्थानों की शरण लेनी पड़ती है या फिर वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन का रास्ता पकड़ना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि पावंटा साहिब अस्पताल न केवल शहर बल्कि ट्रांसगिरी क्षेत्र के करीब-करीब पूरे शिलाई उपमंडल को भी सुविधाएं प्रदान करता है।
उधर, जब चिकित्सक की छुट्टी पर जाने को लेकर पड़ताल की गई तो चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि समूचे सिरमौर में मेडिकल कॉलेज नाहन के अलावा एकमात्र शिशु रोग विशेषज्ञ है, जिसके छुट्टी पर चले जाने की सूरत में स्वास्थ्य विभाग विदाउट चाइल्ड स्पेशलिस्ट हो जाता है।
उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर का कहना था कि विभाग को समय-समय पर शिशु रोग विशेषज्ञ उपलब्ध करवाने का आग्रह किया जाता है।