एमबीएम न्यूज़ /शिमला
हिमाचल में आर्थिक रूप से पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण को लेकर बड़ी खबर है। जयराम सरकार ने सवर्णों को नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की अधिसूचना मंगलवार को जारी कर दी है। इस आधार पर हिमाचल में अब क्लास-1 से लेकर क्लास-फोर तक सभी प्रकार की नौकरियों के लिए गरीब सवर्णों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। हिमाचल सरकार में आरक्षण के नियम केंद्र की मोदी सरकार से बिल्कुल अलग हैं। केंद्र ने इसके लिए आठ लाख की सालाना आमदन निर्धारित की थी। इसके मुकाबले हिमाचल सरकार ने चार लाख की सीमा निर्धारित की है।
अधिसूचना के मुताबिक प्रदेश में चार लाख सालाना आमदन वाले सवर्ण परिवारों को ही आरक्षण की सुविधा मिलेगी। इसमें कहा गया है कि नौकरियों में आरक्षण का लाभ लेने के लिए सालाना इन्कम चार लाख से कम होना जरूरी है।
अधिसूचना में चार लाख से कम सालाना आमदन के बावजूद कुछ और शर्तें रखी गई है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में एक हेक्टेयर से कम कृषि योग्य भूमि तथा अर्बन में 500 वर्गमीटर से कम लैंड होनी चाहिए। इसके अलावा पात्र व्यक्ति आयकर दाता न हो। उसका 2500 स्क्वेयरमीटर से ज्यादा फ्लैट या रिहायशी मकान नहीं होना चाहिए। इसके अलावा पात्र व्यक्ति सरकारी अथवा अनुबंध आधार पर सरकारी पद पर आसीन न हो।
सनद रहे कि लोक सभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले केंद्र सरकार ने देश में आर्थिक तौर पर गरीबों को दस फीसद आरक्षण देने का फैसला लिया था। गरीबों को दस फीसद आरक्षण एससी, एसटी, ओबीसी व बीपीएल को मिलने वाले आरक्षण से इतर होगा। हालांकि चुनावी आचार संहिता लागू होने से पहले जयराम सरकार ने भी इसे सैद्धांतिक तौर पर लागू करने का निर्णय लिया था। बीते दिनों हुई मंत्रिमंडल की बैठक में गरीबों को मिलने वाले आरक्षण पर चर्चा के बाद सरकार ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी है।