एमबीएम न्यूज/नाहन
अब वैज्ञानिक तरीके से इस बात की तस्दीक होगी कि डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज में तीन दिन के लड़के के जैविक माता-पिता कौन हैं। दरअसल मंगलवार को पुलिस ने डीएनए के मकसद से नवजात शिशु के अलावा शिकायतकर्ता व बचाव पक्ष से कुल तीन ब्लड सैंपल लिए हैं। 8 जून की रात अस्पताल में तीन शिशुओं ने जन्म लिया था, जिसमें दो बेटियां जन्मी थी, जबकि एक बेटे की किलकारी गूंजी।
सैनधार के चूली गांव की रहने वाली महिला संगीता व उसकी सास ने आरोप लगाया था कि उनके नवजात बेटे की अदला-बदली बेटी से कर दी गई है। 9 जून दोपहर को जब एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने इस तरह की शिकायत का खुलासा किया तो हडकंप मच गया था। डीएनए रिपोर्ट को आने में करीब एक महीने का वक्त लग सकता है। इससे पूरी सच्चाई से पर्दा हट जाएगा। शिकायतकर्ता पक्ष के बुजुर्ग बलवंत सिंह का कहना है कि शिकायत करने का खमियाजा भी भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि नवजात बच्ची के उपचार में भी कोताही बरती जा रही है।
आशंका यह भी जाहिर की जा रही है कि दोनों महिलाओं की प्रसूति के दौरान कोई जिम्मेदार चिकित्सक व स्टाफ लेबर रूम में मौजूद नहीं था। इसी के चलते असमंजस पैदा हुआ। उधर बचाव पक्ष का तर्क है कि डीएनए से जो भी फैसला आएगा, वो मंजूर होगा। उधर थाना प्रभारी मान्वेंद्र ठाकुर का कहना है कि कुशल सिंह व संगीता के अलावा नवजात शिशु के ब्लड सैंपल लिए गए हैं, जिन्हें जुन्गा भेजा जा रहा है।