जीता सिंह नेगी/रिकांगपिओ
पंच कैलाश यात्राओं में एक किन्नर कैलाश यात्रा पर अब तक हुए आकस्मिक घटनाओं के चलते जिला प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। वर्ष 2019 में इस यात्रा के लिए प्रशासन की ओर से कमर कसी जा रही है, ताकि पहले वर्षों की भांति आकस्मिक घटनाओं पर लगाम कसी जा सके। हालांकि इस यात्रा के लिए प्रशासनिक तिथि 1 से 11 अगस्त निश्चित है। मगर प्रशासन इस तिथि को बदल भी सकती है या फिर यात्रा को प्रतिबंधित भी कर सकती है।
पिछले वर्षों में इस यात्रा के दौरान हुई घटनाओं को लेकर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। प्रशासन किन्नर कैलाश यात्रा की अपनी ओर से पूरी रैकी करने के बाद ही निर्णय लेगा कि यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए जारी किया जाएगा या बंद कर दिया जाएगा। वहीं पूर्व की भांति प्रशासन से यात्रा के दौरान बाहरी राज्यों की कई संस्थाओं ने लंगर लगाने की अनुमति मांगी है। मगर प्रशासन ने अभी तक किसी को अनुमति नहीं दी है।
प्रशासन पहले इन संस्थाओं द्वारा श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं की जांच करेगा उसके बाद ही प्रशासन निर्णय लेगा कि लंगर की अनुमति किस-किस को प्रदान की जानी चाहिए। वहीं किन्नर कैलाश यात्रा को लेकर सोशल मीडिया में मिस गाइड किए जाने की भी खबर है। जबकि सच्चाई यह है कि जिला प्रशासन की ओर से किन्नर कैलाश यात्रा को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
वहीं एसडीएम कल्पा सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि किन्नर कैलाश यात्रा के दौरान अब तक कई हादसे हुए है जो कि चिंता का विषय है। वर्ष 2019 में यात्रा का निर्णय लेने से पूर्व प्रशासन की ओर से पूरी रेकी की जाएगी और तब तक किसी को यात्रा की अनुमति नहीं है। श्रद्धालुओं से आग्रह है कि वह यात्रा के बारे पूरी जानकारी मिलने तक यात्रा के लिए न निकले।