एमबीएम न्यूज़/नाहन
नाहन शहर में विभाग के लाख दावों के बावजूद पेयजल संकट बना हुआ है। शहर के अधिकतर मोहल्लों में पानी एक दिन छोड़ कर मिल रहा है। इस पानी से मात्र पेय जल व नहाने का ही काम चल पाता है। पिछले दिनों आईपीएच विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शहर को बेहतर पेयजल उपलब्ध करवाने के दावे करते हुए राजनीतिक स्तुतिगान किया। मगर धरातल पर ये दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। शहर के अधिकतर निचले मोहल्लों कच्चा टैंक, ढाबों मोहल्ला, हाथी की कब्र, अमरपुर मोहल्ला, बाल्मीकि बस्ती, गोविंदगढ़, दिल्ली गेट में सोमवार को पेयजल की हालत बेहद बुरी है।
अधिकारियो के दावों के अनुसार तो शहर के हर मोहल्ले में रोज पानी आना चाहिए। मगर अधिकतर मोहल्लों में पानी तीसरे दिन आ रहा है। इससे साफ़ पता चलता है कि अधिकारी धरातल पर उतरकर पेयजल समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी पानी का नियमित अंतराल पर टाइम टू टाइम न आना साफ़ दर्शाता है कि शहर को अभी तक पेयजल संकट से मुक्ति नहीं मिली है। गर्मियों में ही विभाग की असली परीक्षा होती है। लोगों की शिकायतों से यह साफ़ हो गया है की शहर को अभी ओर पानी की जरुरत है।
उल्लेखनीय है कि आईपीएच विभाग के एसई ने चंद रोज पहले ही इस बात का दावा किया था कि ददाहू पेयजल योजना से शहर को 56 लाख लीटर पानी उपलब्ध होने लगा है। मगर अधिकारी के दावे की पोल सोशल मीडिया ने खोल कर रख दी। एसई का बयान एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क पर प्रकाशित होते ही शहरवासियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करनी शुरू कर दी थी। उधर विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने कि कोशिश की गई मगर कोई जवाब नहीं मिला। अगर अधिकारी पेयजल समस्या पर प्रतिक्रिया देना चाहेंगे तो उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।
इस लिंक पर पढ़ें क्या किया था आईपीएच विभाग के एसई ने दावा https://bit.ly/2W6BXAx