एमबीएम न्यूज़/नाहन
सिख धर्म के पहले शहीदी श्री गुरू अर्जुन देव महाराज जी का शहीदी दिवस शुक्रवार को ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री दशमेश अस्थान साहिब में मनाया गया। इस दौरान 5 जून से चल रहे अखंडपाठ साहिब की समाप्त हुई। उपरांत शब्द कीर्तन का आयोजन किया गया। शहीदों के सरताज श्री गुरू अर्जुन देव महाराज जी की शहादत को समर्पित जगह जगह सिख संगतों ने शहर में ठंडे पानी की छबीलें लगाई। वहीं गुरूद्वारा में कीर्तन समागम का आयोजन हुआ।
गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान अमृत सिंह शाह ने बताया कि सिख धर्म में सबसे पहले शहीद श्री गुरू अर्जुन देव महाराज जी हुए है। शांति के पुंज शहीदों के सरताज श्री गुरू अर्जुन देव जी को मुगल बादशाह जहांगीर ने शहीद किया था। उन्होंने कहा कि श्री गुरू अर्जुन देव जी की शहादत अतुलनीय है। मानवता के सच्चे सेवक, धर्म के रक्षक, शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी गुरू अर्जुन देव जी अपने युग के सार्वमान्य लोक नायक थे। जो दिन रात गुरू की संगतों की सेवा में लग रहते थे। उन्होंने बताया कि आज गुरूद्वारा में श्री गुरू अर्जुन देव महाराज जी के शहीदी दिवस को समर्पित कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भाई लक्ष्मण सिंह, भाई गुरमीत सिंह, भाई जसबीर सिंह आदि ने कीर्तन कर संगत को निहाल किया।
भाई गुरमीत सिंह ने “जप्यों जिन अर्जुन देव गुरू, धन धन श्री गुरू अर्जुन देव आदि” शब्द गायन कर संगत को निहाल किया। इसके पश्चात गुरूद्वारा परिसर में विशाल लंगर का आयोजन भी किया गया। जिसमें सभी धर्मो के लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर गुरूद्वारा में श्री गुरू ग्रंथ साहिब महाराज जी को सैंकड़ों की संख्या में संगत नतमस्तक हुई।