अमरप्रीत सिंह/ सोलन
पत्रकारों के लिए उस समय स्थिति गंभीर बन गई जब एक निजी दवा कंपनी के मालिक द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई। दवा कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल को बेबुनियाद बताया गया। तभी वहां पर दवा कंपनी में काम कर रहे कर्मचारी पहुंच गए। जिसमें अधिकतर महिलाएं थी। महिलाओं ने रो-रो कर दवा कंपनी के मालिक पर आरोप लगाया की उन्हें पिछले 6 महीनों से तनख्वाह नहीं दी गई है।
महिलाओं ने कहा की कंपनी मालिक द्वारा पिछले दो दिनों से कंपनी में ताला लगाया गया है। जिस वजह से उनके घर खर्च चलाने के लाले पड़ गए है। गौरतलब है कि आज सुबह बड़ोग में स्थित एक दवा कंपनी के मालिक द्वारा अपना पक्ष रखने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई थी। अभी प्रेस कॉन्फ्रेंस चल ही रही थी की दवा कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी भी वह पहुँच गए। उन्होंने कंपनी प्रबंधन पर समय पर पगार न देने का आरोप लगाए। महिलाओं ने रो कर कहा की पिछले तीन दिनों से कंपनी में ताला लटका हुआ है। उन्हें अपने घर का खर्च व् बच्चों को स्कूल भेजने में परेशानी हो रही है।
एक महिला ने यहाँ तक कहा की उसके पति की कुछ समय पहले मृत्यु हुई थी। लेकिन उसके पास अंतिम संस्कार के लिए घर में एक पैसा तक नहीं था। वहीं दवा कंपनी के एमडी विकास भटनागर ने कहा की कर्मचारियों द्वार लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा की आगामी दो माह में कर्मचारियों की बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा की जीएसटी लागू होने का बाद उनको काफी नुकसान हुआ है। लेकिन फिर भी वह कर्मचारियों के साथ मिलकर दवा उद्योग को चला रहे हैं। लेकिन पोलिटिकल लोकल नेता द्वारा पार्टी फंड के नाम पर तंग किया जा रहा है।