एमबीएम न्यूज/नाहन
मां बाला सुंदरी के मंदिर में शेर सिंह राणा ने शीश नवाजा। इसके बाद महाराणा प्रताप सिंह जयंती समारोह में राणा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। हर कोई इस सवाल का जवाब ढूंढ रहा था कि आखिर राणा है कौन। हर कोई यही सोच रहा था कि राणा उत्तराखंड में राजपूत सभा को संचालित करते होंगे, लेकिन जैसे ही पंडाल में मौजूद जनसमूह को राणा के प्रोफाइल का पता चला तो खलबली मच गई।
दरअसल राणा वो शख्स हैं, जो फूलन देवी की हत्या के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद कर दिए गए थे। वाजपेयी सरकार के विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने अफगानिस्तान के दौरे से वापस आकर भारत को इस बात से अवगत करवाया था कि तालिबान के गढ़ में सम्राट पृथ्वीराज चौहान की कब्र का तिरस्कार किया जाता है। 2002 से 2004 के बीच मीडिया में सम्राट की कब्र के तिरस्कार का मुद्दा सुर्खियां बन या। त्रिलोकपुर में आयोजित महाराणा प्रताप जयंती समारोह में रक्तदान शिविर भी आयोजित हुआ। इसमें शेर सिंह राणा ने भी हिस्सा लिया।
उल्लेखनीय है कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां वापस भारत लाने की जांबांजी पर शेर सिंह राणा पर एक बडे़ बजट की फिल्म भी बन रही है, जो 2020 में रिलीज होगी। राजपूत सभा के अध्यक्ष दिनेश चौधरी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि शेर सिंह राणा जैसी शख्सियत कार्यक्रम का हिस्सा बनी।
ये बताई वजह…
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से राणा ने फोन पर लंबी बातचीत की। सीधा पूछा गया कि आखिर सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियों को लाने का विचार जहन में कैसे कौंधा। इस पर उन्होंने खुलासा किया कि जेल में उनके साथ आतंकी भी थे। आतंकी खुलेआम यह चैलेंज करते थे कि अफगानिस्तान के तालिबान से कोई भी भारतीय पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां नहीं ला सकता है। इसके बाद उन्होंने जेल से फरार होने की प्लानिंग शुरू की। सीधे कोलकात्ता से बंगलादेश का रूट लेकर तालिबान में घुस गए थे। उनका कहना था कि सबूत के तौर पर वीडियो भी शूट किया था।
उन्होंने बताया कि हत्या के आरोप के मामले में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली हुई है। आगे के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी का गठन किया हुआ है। इसमें स्वर्णों के अलावा हरेक वर्ग के गरीब को न्याय दिलवाना प्रमुखता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में यह उनकी तीसरी यात्रा थी। इससे पहले वो नालागढ़ व ऊना में भी कार्यक्रम में हिस्सा ले चुके हैं। धमकियां मिलने के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि एक मर्तबा इंडियन मुजाहिद्दीन के चीफ को जेल में पीट दिया था। इसके बाद से आतंकवादियों की धमकियां मिलना जीवन में आम बात रही है।