अनिल छांगू/नूरपुर
सोचिए, जब एक मां 12 साल के जिगर के टुकडे़ को अचानक ही खो दे तो उसके दिल पर क्या गुजरेगी। फिर उसे यह बताया जाए कि बेटे की गिरने से मौत नहीं हुई, बल्कि उसकी हत्या हुई है। सामाजिक व्यवस्था में दलित व गरीब महिला को न्याय के लिए मोर्चा खोलना पडे़। यही बात सोचने महज से ही रोंगटे खडे़ हो जाएंगे।
यकीन कीजिए, अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली विधवा व बीपीएल महिला तिहरी मार झेल रही है। मासूम बेटे के सिर के सिटी स्कैन की तस्वीरें हाथ में पकड़े इस बात के सबूत भी देने की कोशिश कर रही है कि बेटे की स्कूल में हत्या की गई है। जिसे स्कूल के स्टाफ ने बेहद शातिराना तरीके से छिपा दिया है। उल्लेखनीय है कि चंबा में भी एक मां ने अपना लाल खो दिया था। जिसकी कई दिन बाद सिर कटी लाश बरामद की गई थी। दरअसल नूरपुर उपमंडल की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चरूडी में गत दिनों एक 11 साल के छात्र की मौत हो जाती है।
https://youtu.be/krHp–IBOn0
टांडा मेडिकल कॉलेज में मौत से पहले मासूम को बचाने की बेहद कोशिश की जाती है। 11 साल के मासूम केतन के साथ उस दिन उसकी दो बहने काजल व शिल्पा भी स्कूल गई थी। गरीब विधवा के आरोपों की मानें तो खेल-खेल में केतन जब दसवीं कक्षा के छात्र से आगे निकला तो गुस्साए सीनियर ने डंडा मार दिया। मासूम के सिर, नाक व मुंह से खून बहने लगा। आरोप यह भी है कि स्कूल के स्टाफ ने केतन की बहन से ही दूसरी शर्ट घर से मंगवाई। इसके बाद स्टाफ ने ही केतन की बहन से खून से लथपथ शर्ट को साफ करवाया।
अब सवाल यह उठता है कि स्कूल के स्टाफ ने सही घटना को क्यों छिपाने की कोशिश की। अगर महिला के आरोप सही हैं तो सीनियर छात्र भी नाबालिग ही है, उसके खिलाफ तो जुविनाइल एक्ट का ट्रायल चलेगा, लेकिन लाजमी तौर पर कथित हत्या जैसे संगीन आरोप में स्कूल स्टाफ के खिलाफ मामले को दबाने का शडयंत्र रचने व सबूत मिटाने का आपराधिक मामला बन सकता है। विधवा महिला का हैरान करने वाला आरोप यह भी है कि स्टाफ उससे बदतमीजी से बात करते हुए यह भी कह रहा था कि हम तेरे बच्चे को लेकर सुबह से घूम रहे हैं।
गंभीर बात यह है कि विधवा महिला ने अपने आरोप पत्र में राजनीतिक रसूख रखने वाले को कटघरे में खड़ा किया है। अब सवाल उठता है कि प्रदेश में पिछले एक माह के भीतर हुई संगीन घटनाओं की तरह इस मामले को भी भुला दिया जाएगा या फिर गरीब, विधवा व दलित महिला को न्याय मिलेगा। उल्लेखनीय है कि मासूम बच्चे के सिटी स्कैन रिपोर्ट की तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं। इसमें बच्चे के सिर में ऐसे निशान हैं, जो गिरने की चोट से नहीं हो सकते।
ताजा अपडेट…
घटना को लेकर कांगड़ा की गंगथ पुलिस पूरी तरह से हरकत में है। डीएसपी ने घटनास्थल का जायजा लेने के अलावा पीडि़त पक्ष से बात की है। इसके अलावा एसपी संतोष पटियाल ने कहा है कि वो भी पीडि़त परिवार से मिलने जाएंगे। मंगलवार शाम के अंतिम समाचार के मुताबिक एसपी ने सीधे जांच को अपने हाथ में ले लिया है। मृतक के परिजनों सहित स्टाफ को नूरपुर बुलाया गया है। शिक्षा विभाग के उपनिदेषक अपने स्तर पर बयान कलमबद्ध कर रहे हैं। फिलहाल पुलिस को पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं मिली है।