मोनिका शर्मा
गर्मियों के मौसम के बाद महिलाएं वर्षा ऋतु का तीज उत्सव मनाकर स्वागत करती हैं। यह त्यौहार राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश सहित उत्तरी राज्यों में काफी धूमधाम से मनाया जाया जाता है। इस त्यौहार में विवाहित महिलाएं उपवास रखकर अपने पति के चिरआयु और समृद्धि की कामना करती है। इस त्यौहार में महिलाएं मेहंदी, चूडियां, बिंदी तथा सुंदर परिधानों से सुसज्जित होती है और सौंदर्य इस त्यौहार का मार्मंत अंग है।
इस त्यौहार में कुछ प्राकृतिक आयुर्वैदिक प्रसाधनों का प्रयोग करने से आपके सौंदर्य को चार चांद लग सकते है। प्राचीन समय में शारीरिक सौंदर्य के लिए घरेलू उबटन का प्रयोग किया जाता था। उबटन मुख्यत: चोकर, बेसन, दही, मलाई तथा हल्दी के मिश्रण से बनाया जाता था। इन सबको पीसकर मिश्रण को नहाने से पहले शरीर पर लगाया जाता था। इसे नहाने के समय ताजे पानी से धोया जाता था जिससे शरीर की मृतक कोशिकाऐं हटाने में मदद मिलती थी जिससे शारीरिक त्वचा कोमल तथा मुलायम बन जाती है।
सबसे पहले शरीर की तिल के तेल से मालिश की जाती थी तथा उसके बाद उबटन लगाया जाता था जिसे आधे घंटे के अंतराल के बाद नहाकर धो दिया जाता था। इस उबटन में विद्यामन विभिन्न तत्वों को रगडऩे तथा धोने से त्वचा की मृतक कोशिकाओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती थी तथा त्वचा में कोमलता तथा निर्मलता का निखार आ जाता था।
शहनाज हुसैन ने महिलाओं को सलाह दी है कि तीज के त्यौहार में आप आज के समय में भी प्राकृतिक घरेलू आर्युवैदिक पदार्थो का सहारा लेकर उबटन तैयार कर अपने सौंदर्य को चमका सकती है। अपने चेहरे को सुन्दरता के लिए आप घर बैठे सौंदर्य प्रसाधन बना सकती है।
दो चम्मच चोकर में एक चम्मच बादाम तेल, दही, शहद तथा गुलाब जल मिश्रित कर लीजिए। इसमें आप सूखे पुदीने की पत्तियों का पाउडर मिला लीजिए। इसके चेहरे पर लगाने से चेहरे में प्राकृतिक आभा तथा चमक दमक आ जाएगी। इन सब तत्वों को मिश्रित कर के पेस्ट बना लीजिए तथा आंखों तथा होठों को छोडक़र बाकी पूरे चेहरे पर लगा लीजिए। इसे चेहरे पर 30 मिनट तथा लगा रहने दीजिए तथा बाद में स्वच्छ पानी से धो डालिए।
तीज के त्यौहार में बालों की सुंदरता के लिए शुद्ध नारियल तेेल को गर्म करके इसे बालों तथा सिर की खाल पर लगा लीजिए इसके बाद एक तौलिए को गर्म पानी में डुबोकर गर्म पानी को निचोड़ दीजिए और उस तौलिए को पगड़ी की तरह 5 मिनट तक सिर पर लपेट लीजिए। इस प्रक्रिया को 3.4 बार दोहराइए। इस प्रक्रिया से बालों तथा सिर की खाल को तेल को थामें रखने में मदद मिलती है। इस तरह तेल को एक घंटा तक बालों में लगाने के बाद बालों को साफ पानी से धो डालिए।
निर्जिव तथा थकी आंखों के लिए काटनवुल पैड को गुलाब जल में भीगो दीजिए तथा इसे आंखें बंद करके आई पैड की तरह प्रयोग करके 10 मिनट तक नीचे लेटकर आराम कीजिए। इससे आंखों की थकान मिटती है और आंखों में प्राकृतिक चमक आ जाती है। गुलाब की सुगंध का मस्तिष्क पर शांतिवर्धक प्रभाव पड़ता है।