एमबीएम न्यूज़ /शिमला
हिमाचल में लोकसभा की चारों सीटों पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। हमीरपुर और मंडी से भाजपा ने अपने मौजूदा सांसदों पर भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। जबकि शिमला और कांगड़ा सीटों से निवर्तमान सांसदों विरेंद्र कश्यप और शांता कुमार के टिकट काट दिए गए हैं।
जयराम सरकार में कैबिनैट मंत्री किशन कपूर को कांगड़ा और पच्छाद के विधायक सुरेश कश्यप को शिमला सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। कांगड़ा से उम्रदराज सांसद शांता कुमार के चुनाव लड़ने से इंकार के बाद भाजपा से जिन नेताओं के चुनाव लड़ने की चर्चा थी, उसके विपरीत भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने किशन कपूर को टिकट देने का फैसला किया है। धर्मशाला के विधायक किशन कपूर जयराम सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री हैं और गददी समुदाय से आते हैं। उनकी गिनती भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में होती है। पहली बार 1990 में उन्होंने विधानसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद 1993, 1998, 2007 तथा 2017 के विधान सभा चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की।
शिमला सीट से दो बार प्रतिनिधित्व करने वाले विरेंद्र कश्यप का टिकट काट कर भाजपा ने विधायक सुरेश कश्यप पर दांव खेला है। सुरेश कश्यप सिरमौर जिला के पच्छाद से लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं। वह कांग्रेस के दिग्गज गंगूराम मुसाफिर को दो बार शिकस्त देकर विधानसभा पहुंचे। साल 2005 में बीडीसी सदस्य के रूप में उन्होंने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था।
शिमला लोकसभा आरक्षित सीट से विरेंद्र कश्यप 2009 में पहली बार जीते थे। इसके बाद 2014 में मोदी लहर में उन्होंने लगातार दूसरी मर्तबा विजयश्री हासिल की। पहले उनकी टिकट सुरक्षित बताई जा रही थी, लेकिन भाजपा के अंदरूनी सर्वे में उनकी स्थिति कमजोर आने से टिकट की बाजी पलट गई। हालांकि मंडी सीट पर सांसद रामस्वरूप शर्मा को भी सर्वे में कमजोर पाया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री की पसंद होने पर पार्टी नेतृत्व ने उन पर फिर दांव खेला। संघ की पृष्ठभूमि के रामस्वरूप शर्मा ने साल 2014 में कांग्रेस के कदावर नेता वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को पराजित कर सबको चैंका दिया था। हमीरपुर से हैट्रिक लगा चुके सांसद अनुराग ठाकुर पर पार्टी ने फिर भरोसा जताया है। अनुराग ठाकुर पहली बार 2008 में लोक सभा का उपचुनाव जीते। इसके बाद 2009 व 2014 में लोक सभा चुनाव जीत हैं। बीते लोक सभा चुनाव में उन्होंने राजेंद्र राणा को पराजित किया था। अनुराग युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं।