अमरप्रीत सिंह/सोलन
अगर व्यक्ति किसी की जान बचाता है तो अक्सर जान बचाने वाले शख्स की जांबाजी को सलाम कर कई मर्तबा सम्मानित भी किया जाता है। वहीं जब बेजुबान जानवर किसी इंसान की जान बचाता है तो शायद ही उसे जांबाजी को लेकर कोई ईनाम मिले। दरअसल, घटना में एक बैल ने अपने मालिक को भालू के पंजे से निकाल लिया। चायल के कोटी के भल्ला गांव में एक मादा भालू ने 65 वर्षीय बुजुर्ग पर उस समय हमला कर दिया, जब चेतराम अपने पशुओं को चरा रहा था। भालू के हमले से घायल चेतराम
चूंकि मादा भालू के साथ उसके दो बच्चे भी थे। इसी कारण वो अधिक आक्रामक थी। जैसे ही भालू ने चेतराम पर हमला किया तो उनका बैल भालू पर टूट पड़ा। बैल का हमला इतना जबरदस्त था कि मादा भालू को भागने पर विवश होना पड़ा। वीरवार दोपहर की इस घटना में चेतराम मादा भालू के शावकों को गलती से कुत्ते समझ बैठे थे। इससे पहले ही कुछ समझ पाते, मादा भालू चेतराम पर टूट पड़ी। हमले में चेतराम की आंख पर चोटें आई हैं। इसी बीच बैल ने मादा भालू को उठाकर दूर पटक दिया।
ग्रामीणों के मुताबिक मादा भालू अब तक 3-4 लोगों पर हमला कर चुकी है। इस हमले के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा भी किया है। उल्लेखनीय है कि वन्यप्राणी विभाग ने भालुओं के बदलते व्यवहार को लेकर वन्यप्राणी संस्थान देहरादून से स्टडी करवाने का भी हाल ही में फैसला लिया था। दीगर है कि बर्फबारी व ठंड के दौरान भालू ऊंचाई वाले इलाकों में ही रहते थे, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ, जब भालू सर्दियों में भी हमलावर हुए।
उधर वन्यप्राणी विभाग के सीसीएफ(मुख्यालय) नागेश गुलेरिया का कहना है कि मौके का दौरा किया गया है। ग्रामीणों की सुरक्षा के मकसद से उचित कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि डीएफओ की रिपोर्ट के बाद ही यह बात स्पष्ट हो पाएगी कि भालू के हमले से ग्रामीण कैसे बच पाया था। उन्होंने कहा कि पहली कोशिश में मादा भालू को बच्चों सहित चूड़धार घाटी की तरफ खदेड़ने की कोशिश की जाएगी, क्योंकि वहीं से इस इलाके में पहुंची है।