एमबीएम न्यूज/नाहन
हालांकि लोकसभा चुनाव में स्थानीय नेताओं को अपने-अपने राजनीतिक दल का दूल्हा नहीं बनना है, लेकिन चुनाव के नतीजों से पार्टी में साख बनानी होती है। चंद रोज पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुवाई में बीजेपी की बैठक में विधायकों पर चुनाव जितवाने की जिम्मेदारी डाली गई। इसका रिपोर्ट कार्ड भी बनेगा। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल की भी अग्निपरीक्षा होगी।
शिमला संसदीय सीट पर पार्टी प्रत्याशी को नाहन हलके से बढ़त दिलवाना जिम्मेदारी है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल निर्वाचन क्षेत्र में लगभग तीन महीने से ही धुंआदार बैटिंग कर रहे हैं, लेकिन मतदाता ही तय करेंगे कि क्लीन बोल्ड करना है या नहीं। उधर विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बावजूद भी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अजय सोलंकी पद पर बने हुए हैं। बीजेपी के कद्दावर नेता को कड़ी टक्कर देना ही वजह हो सकता है कि सोलंकी को पद पर बनाए रखा गया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद पर कुलदीप राठौर की तैनाती के बाद यह समझा जा रहा था कि सिरमौर में भी पार्टी को नया सरदार मिल सकता है, लेकिन राठौर ने भी सोलंकी को ही पद पर बनाए रखा है।
अब जहां तक 2017 के विधानसभा चुनाव का सवाल है तो डॉ. राजीव बिंदल को 51.96 प्रतिशत मत हासिल हुए थे, जबकि सोलंकी को 43.92 प्रतिशत वोट पडे़। नोटा का इस्तेमाल भी एक प्रतिशत मतदाताओं ने किया। लगभग 3 प्रतिशत वोट अन्यों के खातों में गए थे। इस चुनाव में 82.48 प्रतिषत मतदान हुआ था, लेकिन लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशतता में गिरावट होने की संभावना से कतई भी इंकार नहीं किया जा सकता। कुल मिलाकर नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या बिंदल बीजेपी के बटन पर वोट प्रतिशतता को बढ़ा पाएंगे या नहीं। उधर सोलंकी के लिए पहले विधानसभा के अंतर को खत्म करना है। फिर लोकसभा चुनाव में बढ़त बनाने की कोशिश करनी होगी।