एमबीएम न्यूज़/शिमला
हिमाचल चुनाव आयुक्त व पूर्व मुख्य सचिव पी मित्रा के वॉयस सैंपल लेने के मामले में बुधवार को भी फैसला नहीं हो पाया है। अदालत ने इस पर सुनवाई 21 मई तक टाल दी है। नौ साल पुराने इस मामले में पी. मित्रा पर प्रधान सचिव राजस्व के पद पर रहते हुए गैर हिमाचलियों को जमीन खरीद की अनुमति देने की एवज में रिश्वत लेने का आरोप है।
बुधवार को इस केस जिला एवं सत्र न्यायाधीश की विशेष अदालत (वन) अरविंद मल्होत्रा की अदालत में सुनवाई हुई। पूर्व मुख्य सचिव पी मित्रा भी में इस दौरान अदालत में पेश हुए। इसी मामले में एक आरोपी विनोद मित्तल के वॉयस सैंपल व पॉलीग्राफ लेने का मामला हाईकोर्ट में है, जहां इसकी 8 मई को सुनवाई होनी है। इस कारण अदालत ने मामले पर सुनवाई के लिए 21 मई तक सुनवाई टाल दी।
इसी मामले में राज्य सरकार पहले ही विजिलेंस को पी मित्रा के खिलाफ जांच शुरू करने की अनुमति दे चुकी है और उनसे बीते साल सितंबर माह में दो बार पूछताछ कर चुकी है। साथ ही दो कारोबारियों से भी पूछताछ की गई थी। विजिलेंस ने दोनों कारोबारियों को नामजद कर रखा है। हालांकि पी मित्रा अभी तक इस केस में नामजद नहीं है।
जानकारी अनुसार विजिलेंस ने पी मित्रा और कुछ अन्यों के बीच हुई बातचीत फोन पर टैप कर रखी थी, जिसकी रिकार्डिंग इसके पास है। इसीलिए विजिलेंस मित्रा का वायस सैंपल लेना चाह रही है।