एमबीएम न्यूज/नाहन
24 अप्रैल 2018 को देश पर कुर्बान बेटे अजय कुमार ने 19 मार्च 2019 को अपनी मां की झोली में वीरता की निशानी डाली है। पच्छाद विकास खंड की कोटला पंजोला पंचायत के शहीद अजय कुमार की मंगलवार को जब राष्ट्रपति भवन में शौर्य गाथा पढ़ी गई तो हर हिमाचली का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। उस वक्त सिरमौर के लिए गौरव के पल आए, जब शहीद के माता-पिता राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के अलावा तीनों सेना प्रमुखों के साथ अग्रिम पंक्ति में सामूहिक चित्र के लिए बैठे।
जब वीरगाथा पढ़ी जा रही थी तो माता-पिता के करीब बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सिरमौरी लाल की शौर्य गाथा को गौर से सुन रहे थे। इस परिवार की पीड़ा इस कारण भी अन्य शहीद परिवारों से हटकर इस कारण भी है, क्योंकि अब घर पर केवल बूढे़ माता-पिता ही हैं। 25 जून 1992 को जन्में शहीद अजय कुमार 42 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। 21 सितंबर 2013 को भारतीय सेना में भर्ती अजय कुमार में बचपन से ही देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ था। उल्लेखनीय है कि शहीद के भाई का निधन पहले ही बीमारी की वजह से हो चुका था। बुजुर्ग माता-पिता का एकमात्र सहारा अजय ही था।
25 अप्रैल 2018 को जब शहीद अजय कुमार का घर लाया गया था पार्थिव शरीर
https://youtu.be/lk2MHLIIpV8
दीगर है कि शहीद के माता कमला देवी व पिता सुरश कौंडल को बेटे के मरणोपरांत मंगलवार को राष्ट्रपति द्वारा शौर्य चक्र प्रदान किया गया है। अखिल भारतीय हरिजन लीग ने भी शहीद अजय कुमार को मरणोपरांत हिमाचल गौरव से अलंकृत किया था।
अजय कुमार की शौर्य गाथा…
24 अप्रैल 2018 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा इलाके में अदम्य साहस का परिचय दिखाते हुए पाकिस्तान के ए प्लस-प्लस श्रेणी के आतंकी को ढेर कर दिया। साथ ही अपनी टुकड़ी को सुरक्षित कर दिया। सुबह 6ः40 बजे घातक पलाटून ने आतंकियों के छिपने के संभावित ठिकानों पर दबिश दी थी। इस दौरान शहीद अजय कुमार व उनके साथियों पर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां दाग दी। इसी बीच ग्रेनेड भी फेंका गया। शहीद अजय कुमार ने बहादुरी का परिचय देते हुए बगैर कवर ही आतंकियों से मुकाबला शुरू कर दिया। मुठभेड़ में अजय कुमार को भी गोली लग गई।