एमबीएम न्यूज़/नाहन
भारतीय सेना में फर्स्ट पैरा के कमांडोज को जांबाजी के लिए पहचाना जाता है। शायद कम लोग जानते होंगे कि उरी सर्जिकल स्ट्राइक के कमांडोज भी नाहन के स्पेशल फोर्सिज ट्रेनिंग स्कूल ने तैयार किए थे। मंगलवार सुबह शहर का सीना उस समय फक्र से चौड़ा हो गया, जब राष्ट्रपति भवन में पीएम मोदी की मौजूदगी में शहर के दामाद नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया को राष्ट्रपति ने तालियों की गड़गड़हाट बीच शौर्य चक्र प्रदान किया। अनिल कुमार दहिया को शौर्य चक्र प्रदान करते राष्ट्रपति
एक अरसे तक फर्स्ट बटालियन (द पैराशूट रेजीमेंट) में नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया नाहन में ही तैनात रहे। शहर के दामाद ने हालांकि पहले भी कई मर्तबा जांबाजी दिखाई होगी, लेकिन इस बार उनकी जांबाजी फर्स्ट पैरा के इतिहास में अंकित हुई। बात 4 दिसंबर 2017 की है। सीमा पार से आतंकवादी लॉचिंग पैड पर घुसपैठ करने के लिए पहुंच चुके थे। खुफिया तंत्र व टारगेट की जानकारी हासिल करने के बाद मेजर कृष्ण सिंह रावत के नेतृत्व में सेना की टुकड़ी ने आतंकी गतिविधियों का अवरोधन करना शुरू कर दिया।
नायब सूबेदार दहिया की तैनाती असाधारण व मुश्किल क्षेत्र में थी। अन्य जवानों के साथ दहिया लगभग 100 मीटर तक रेंगते हुए आगे बढ़े। इसी जगह पर आतंकियों ने छिपने का ठिकाना बनाया हुआ था। दृढ़ संकल्प व सतर्कता से नायब सूबेदार दहिया ने करीब 36 घंटे तक निगरानी की। इसी दौरान पांच आतंकियों की मूवमेंट को देखा। बहादुरी का परिचय देते हुए दहिया ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। अदम्य साहस व बहादुरी के साथ-साथ कनिष्ठ लीडरशिप के लिए उदाहरण पेश करने पर नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया को शौर्य चक्र से नवाजा गया। कार्यक्रम में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया की शौर्य गाथा को ध्यानपूर्वक सुना।
साल 2018 में भारत सरकार ने 14 जांबाजो को शौर्य चक्र प्रदान करने का ऐलान किया था। इसी में नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया भी शामिल थे। उधर नाहन में नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया के साले राकेश खन्ना ने बताया कि पूरा परिवार आज गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उन्होंने बताया कि नायब सूबेदार का काफी समय नाहन में ही बीता है क्योंकि सेवाएं यहीं थी।