एमबीएम न्यूज/नाहन
असफलता के बाद कामयाबी सुनिश्चित होती है। इसी लक्ष्य को लेकर नौहराधार के 27 वर्षीय आशीष चौहान आगे बढ़ रहे हैं। सोमवार को हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा जारी किए गए एचएएस की अलाइड की परीक्षा में आशीष को सफलता मिली है। आशीष का चयन ईटीओ के पद पर हुआ है। पांचवी तक नौहराधार में पढ़ाई करने के बाद आगे की पढ़ाई आशीष ने गुरु नानक मिशन स्कूल पांवटा साहिब से की।
वीआईटी यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साईंस में बीटेक की पढ़ाई पूरी की।अहम बात यह है कि तीन मर्तबा यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन मेन्स में सफलता नहीं मिली। इसके अलावा एचएएस में भी चौथा प्रयास था। करीब चार साल से पढ़ाई में दिन-रात एक कर रहे आशीष का सफलता न मिलने पर भी मनोबल नहीं टूटा। मूलतः नौहराधार के रहने वाले आशीष के पिता रघुवीर चौहान इस समय शिमला में को-ऑपरेटिव बैंक में एजीएम के पद पर कार्यरत हैं, जबकि माता आशा चौहान फिमेल हेल्थ वर्कर हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत के दौरान आशीष ने माना कि कड़ी मेहनत के बाद जब सफलता सालों तक नहीं मिलती है तो अवसाद कर स्थिति लाजमी होती है। उन्होंने कहा कि वो ऐसे समय से फिल्में देखकर उबरने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि हार नहीं माननी चाहिए, क्योंकि अक्सर हार के बाद ही जीत होती है। आशीष चौहान ने बेबाक कहा कि उनका अंतिम लक्ष्य यूपीएससी की परीक्षा को उत्तीर्ण करना है।
पढ़ाई के बारे पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि 10 से 12 घंटे पढ़ाई करते हैं। कुल मिलाकर आशीष की सफलता में अहम बात यह है कि अपने लक्ष्य को लेकर सधे हुए निशाने से कोशिश में लगे हुए हैं।