एमबीएम न्यूज़/सरकाघाट
प्रदेश सरकार के विकास की पोल खुल रही है। इसका उदाहरण मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के जिला से कैबिनेट में आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के गृह क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। यहां मानों विकास कागजों तक ही सिमट कर रह गया है।
आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जो सड़क सुविधाओं से वंचित हैं। इन्हीं में शामिल है, धर्मपुर विधानसभा के अंतर्गत समौड ग्राम पंचायत में झिडुंधार गांव। यह गांव सड़क सुविधा से वंचित हैं और लोगों को सड़क तक पहुंचने के लिए 3-4 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। अगर गांव में कोई बीमार हो जाए तो उसको पालकी में बैठाकर सड़क और अस्पतालों में पहुंचाया जाता है।
लोगों का कहना है कि आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को कई बार समस्या बारे अवगत करवाया जा चुका है,लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा 24 जनवरी को धर्मपुर दौरे के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मढी का दर्जा बढ़ाया था,लेकिन अब तक धरातल पर कुछ नहीं हुआ है और न ही सुविधाएं बढ़ी। ग्रामीणों का कहना है कि विकास की घोषणाएं सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गई हैं।
खास बात यह है कि कैबिनेट मंत्री इस हल्के से सात बार विधायक बन चुके है, सूबे में उन्हें तेजतर्रार मंत्री माना जाता है। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि विधायक के मंत्री बने के बाद इस बार तमाम समस्याओ का समाधान हो जायेगा,लेकिन भाजपा सरकार को बने भी सवा साल हो चुका है, लेकिन समस्याएं जस की तस है।