एमबीएम न्यूज/नाहन
लेह से करीब 300 किलोमीटर दूर बर्फीली चोटियों पर देश की रक्षा कर रहा 23 साल का सिपाही विनोद कुमार, परिवार का इकलौता सहारा था। बचपन से ही देश सेवा का जज्बा रखने वाले विनोद ने अखबार बेच व अस्पताल की कैंटीन में जूठे बर्तन धोकर सेना में भर्ती होने की कोचिंग हासिल की थी। ददाहू से जमा दो की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सीधे नाहन का रुख किया। वो भली-भांति जानता था कि सेना की भर्ती की कोचिंग का खर्च पिता प्रेम सिंह नहीं उठा पाएंगे। अखबार बेचने के साथ-साथ अस्पताल की कैंटीन में लोगों के जूठे बर्तन भी साफ किए। तीन साल पहले सेना में भर्ती हुई तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, क्योंकि जहां बेटे की देश सेवा करने की हसरत पूरी हुई थी, वहीं उसके वेतन से तीन छोटे बहन-भाईयों को पढ़ाई में आर्थिक मदद मिल गई थी।
26 जनवरी की रात करीब 12 बजे के आसपास विनोद ने करीब 14 हजार फीट की ऊंचाई पर देश की रक्षा में प्राण त्याग दिए। परिवार को यह दर्दनाक सूचना 27 जनवरी को 11 बजे के आसपास मिल गई, लेकिन चाचा ने जवान के पिता से इस बात को शाम को ही सांझा किया। 16 जून 1995 को जन्मे दिवंगत विनोद कुमार की छोटी बहन रीता देवी बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा है तो प्रीति जमा एक में पढ़ रही है। इसके अलावा छोटा भाई नितेश कुमार दसवीं कक्षा का छात्र है। हालांकि पुख्ता तौर पर स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन बताया जा रहा है कि लेह के चुशुल सेक्टर में डयूटी के दौरान अविवाहित सेना के जवान ने दुनिया को अलविदा कह दिया। मंगलवार को सर्विस एयरक्राफट से पार्थिव शरीर सुबह चंडीगढ़ पहुंचेगा।
घर पर बूढे़ दादा-दादी के सूखे आंसू….
ददाहू की कटाहं शीतला पंचायत के शिरूमाईला गांव में दिवंगत जवान के बूढे़ दादा सागर सिंह व दादी रोशनी देवी की आंखों के आंसू रो-रो कर सूख गए हैं। घर में लोगो का जमावड़ा लगा हुआ है। सोचिए, तीन दिन तक पार्थिव शरीर का इंतजार करने पर उनके दिल पर क्या गुजर रही होगी। दिवंगत जवान के पिता प्रेम सिंह एक किसान हैं, जिनकी खेती बाड़ी से थोड़ी-बहुत आमदनी है।
नहीं है जवान के घर तक सड़क…
कटाहं शीतला पंचायत के शिरूमाईला गांव में जवान के घर तक सेना के भारी वाहनों के पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। हालांकि जेसीबी से सड़क पहुंचाने का प्रयास शुरू कर दिया गया है, लेकिन परिवार अब तक यह नहीं समझ पा रहा कि बेटे का पार्थिव शरीर घर तक पहुंच पाएगा या नहीं। परिवार को यह भी फैसला लेना बाकी है कि ददाहू में गिरि या जलाल नदी के तट पर ही अंतिम संस्कार किया जाए या नहीं।
प्रशासन ने त्वरित की कार्रवाई….
उपायुक्त ललित जैन भी जवान के निधन को लेकर बीती रात तक जानकारी जुटाने में लगे रहे। सोमवार को सैनिक कल्याण बोर्ड के उपनिदेशक मेजर दीपक धवन के मार्फत परिवार को फौरी राहत के तौर पर 15 हजार रुपए की राशि भिजवाई, ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके। गौरतलब है कि मेजर दीपक धवन ने पच्छाद के कोटला बरोग गांव के शहीद अजय कुमार के माता-पिता को गोद लिया था। वो अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। शहीद के भाई का पहले ही निधन हो गया था।
दिवंगत जवान के चाचा बोले….
दिवंगत जवान विनोद कुमार के चाचा विजय सिंह का कहना है कि डोगरा रेजीमेंट के सूबेदार ओम प्रकाश ने सूचित किया है कि लेह पहुंच चुके हैं। सोमवार को कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी। इसके बाद पार्थिव शरीर सीधे चंडीगढ़ फलाइट से पहुंचेगा। एक घंटे चंडीगढ़ ठहराव के बाद सीधे पैतृक गांव पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि उनके भतीजे की पोस्टिंग लेह से 300 किलोमीटर आगे थी।