एमबीएम न्यूज़ / हमीरपुर
शहर के साथ सटे हुए गांव लाहलडी के बाशिंदो ने एकता का ऐसा प्रमाण दिया है। जिसे देख हर कोई दंग रह गया है। गावं वासियों के प्रयास से न केवल आवारा पशुओं बल्कि बंदरों की समस्या से निजात मिली है और खेतीबाडी भी सुरक्षित हुई है। सरकारी स्कीम “सोलर फेंसिंग” के फेल होने के बाद आवारा पशुओं से परेशान लाहलडी गांव के लोगों ने जनसहयोग से सौ घरों से पांच लाख रूपये की राशि इक्टठा करके पूरे गांव में खेतों की बाडबंदी की है, जिस कारण लंबे समय से पेरशानी झेल रहे ग्रामीणों को आवारा पशुओं की समस्या से छुटकारा मिला है।
ग्रामीणों द्वारा की गई कंटीली बाडबंदी
बता दे कि आवारा पशुओं सेलाहलडी गांव की खेती बाडी पूरी तरहसे प्रभावित हो रही थी और जायका प्रोजेक्ट के तहत भी गांव में लोग आधुनिक तरीके से खेतीबाडी के साथ सब्जी उत्पादन कर रहे है,लेकिन आवारा पशु इसमें उलझन बने हुए थे। हालांकि कुछ लोगों ने सरकारी स्कीम के तहत सोलर फेसिंग भी खेतों में करवाई, लेकिन स्कीम कारगर साबित न होने पर मजबूरन ग्रामीणों ने पांच लाख इकटठा करके खुद ही तीन हजार मीटर कंटीली तार लगाने का निर्णय लिया और इसके चलते ही पूरे गांव के चारों ओर कंटीली तारबंदी की गई है। जिससे आवारा पशुओं के साथ बंदरों से भी छुटकारा मिला है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आवारा पशुओं की परेशानी बहुत ज्यादा बढ गई थी और आए दिन पशु पूरी फसल को बर्बाद कर रहे थे जिस के चलते ही समस्या से निपटने के लिए एक कमेटी बनाकर हर घर से जमीन के हिसाब से पैसे इकटठा किए और आज कंटीली बाडबंदी से समस्या का हल हुआ है। ग्रामीणों ने कहा कि इस तरह लाखों रूपये खर्च करके समस्या का समाधान ग्रामीणों ने स्वयं किया है तो इसके लिए सरकार की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला है। उन्होंने मांग की है कि कंटीली तार लगाने के लिए भी सरकार की ओर से सहयोग मिलना चाहिए।
बता दे कि लाहलडी गांव नगर परिषद एरिया के वार्ड नंबर ग्यारह के तहत आता है और गांव के बीचोंबीच से बाइपास भी गुजरता है और सडक साथ लगने के कारण आवारा पशुओं की संख्या ज्यादा बढ गई थी। अब ग्रामीणों के अथक प्रयासों से की गई तारबंदी से आवारा पशुओं की समस्या से निजात मिली है।