एमबीएम न्यूज/नाहन
सिरमौर के नवनियुक्त एसपी अजय कृष्ण शर्मा को खुफिया नेटवर्क का 17 साल का तजुर्बा है। इसी के बूते अपराध घटित होने से पहले ही इसे टालने की कोशिश करेंगे। 1990 में फोरेस्ट रेंजर बन गए थे। मगर इरादा खाकी पहनकर कुछ हटकर करने का था। 1995-96 में पहले ही प्रयास में हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। 2001 में ही इंटेलीजेंस ब्यूरो में डैपुटेशन पर चले गए। सात साल बाद 2008 में आईपीएस अधिकारी के तौर पर इंडक्शन हो गया।
इंटेलीजेंस ब्यूरो में 17 साल सेवाएं देने के बाद जून 2018 में वापस प्रदेश आए तो नियुक्ति छठी आईआरबी बटालियन में बतौर कमांडेंट हुई। यहां भी ज्वाइनिंग के चंद महीनों के बीच पुलिस की निशुल्क पाठशाला शुरू कर चर्चा में आ गए। 26 जनवरी 2019 को 70वें गणतंत्र दिवस की पावन बेला पर दोपहर बाद बतौर पुलिस अधीक्षक कार्यभार संभाल लिया है। पुलिस के कर्मचारी व अधिकारी आईपीएस अजय कृष्ण की सादगी को देखकर पहली ही झलक में कायल हो गए। उल्लेखनीय है कि सामाजिक सरोकार में अग्रणी भूमिका निभाने पर अजय कृष्ण शर्मा को 6 दिसंबर 2018 को केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
पुलिस टीम से परिचित होते नवनियुक्त एसपीक्यों शुरू की पुलिस की निशुल्क पाठशाला….
दरअसल खुद दसवीं की पढ़ाई तक गांव से 10 किलोमीटर दूर नहीं गए थे। 11वीं में जब दाखिला लेना था तो पहली बार कांगड़ा पहुंचे थे। यही बात उन्हें हमेशा कचोटती रही कि जाने कितने ऐसे बच्चे आज भी होंगे, जो अपने गांव से बाहर नहीं निकले होंगे, लिहाजा डैपुटेशन से वापस आते ही पुलिस की निशुल्क पाठशाला (कोचिंग) को धौलाकुआं में शुरू कर दिया। दसवीं कक्षा के छात्रों को प्राथमिकता दी गई। महज चंद महीने कमांडेंट के पद पर तैनात रहने के दौरान केंद्रीय एजेंसी आईईआरडीए से साढे़ 7 लाख रुपए की राशि स्कूल के लिए मंजूर करवाने में सफल रहे हैं, ताकि स्मार्ट कक्षाएं बन सकें। यहीं नहीं, 50 हजार रुपए का फंड इन छात्रों के शैक्षणिक टूर के लिए भी मंजूर है।
बातचीत के दौरान आईपीएस अजय कृष्ण ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों में उन्हें अपना बचपन नजर आता है, जिसने दसवीं तक शहर नहीं देखा था। उन्होंने कहा कि हरेक छात्र में विलक्षण प्रतिभा होती है, बशर्ते इसे तराशा जाए। उनका बताया कि पुलिस पाठशाला में छात्रों की विंटर ब्रेक को भी बखूबी सार्थक किया गया। एसपी ने कहा कि वो चाहते हैं कि पाठशाला चलती रहे। इसमें जो भी सहयोग होगा, वो प्रदान करेंगे।
कार्यभार संभालने के पश्चात टीम के साथ एसपीक्या बोले खुफिया नेटवर्क के तजुर्बे पर...
एसपी ने कहा कि वो इंटेलीजेंस ब्यूरो से जुड़ी कोई भी बात साझा नहीं कर सकते हैं। सीधे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अपराध निवारण प्राथमिकता होगी। स्पष्ट शब्दों में कहें तो अपराध को घटित होने से पहले ही रोका जाना चाहिए। उन्होंने माना कि खुफिया नेटवर्क का तजुर्बा बतौर एसपी काम आएगा। प्राथमिकता के बारे में कहा कि सिरमौर के निर्वतमान एसपी ने जो कार्य शुरू किए हैं, उन्हें निरंतर जारी रखा जाएगा। साइबर क्राइम, नशा, फ्रेंडिली पुलिस व ट्रैफिक व्यवस्था आदि प्राथमिकताएं होंगी।
पत्नी भी है दमदार पुलिस अधिकारी…
एसपी अजय कृष्ण शर्मा की पत्नी वर्षा शर्मा भी एक दमदार पुलिस अधिकारी हैं। इस समय देश की राजधानी में बतौर डीसीपी कार्यरत हैं। चूंकि डीपीसी पैंडिंग हैं, लिहाजा आईपीएस में इंडक्शन नहीं हुआ है। जल्द ही वो भी आईपीएस अधिकारी में इंडक्ट हो जाएंगी। दिल्ली पुलिस में 1996 बैच की ही अधिकारी हैं।
पृष्ठभूमि….
मूलतः हमीरपुर के नादौन क्षेत्र के धनेटा गांव के रहने वाले आईपीएस अजय कृष्ण बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। निजी क्षेत्र में कार्य कर पिता ने उन्हें उच्चशिक्षा प्रदान की। 1990 से 1995 तक वन विभाग में रेंजर के पद पर तैनात रहे। विलक्षण प्रतिभा के दम पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कैमिस्ट्री में एमएससी तक शिक्षा हासिल की है।