एमबीएम न्यूज/पांवटा साहिब
राज्य में पांवटा घाटी आपराधिक गतिविधियों को लेकर संवेदनशील क्षेत्रो में शुमार होती है। लेकिन आप यह जानकर दंग रह जाएंगे कि पुलिस के बार-बार आग्रह के बावजूद नगर परिषद आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने को लेकर गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाए हुए है। दरअसल 16 अप्रैल 2018 को पुलिस ने नगर परिषद को पत्र लिखकर सीसी कैमरों के लिए बजट मुहैया करने का आग्रह किया था। इस पत्र में एसडीएम कार्यालय में बैठक का हवाला दिया गया था।
एक साल पहले पुलिस ने शहर में ऐसी लोकेशन का सर्वे किया था, जहां सीसी कैमरे लगाए जाने थे। इसके लिए नगर परिषद को एस्टीमेट भी सौंपा गया था। बकायदा स्टेट इलैक्टॉनिक्स डेवेल्पमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड से प्रफार्मा इन्वॉयस भी हासिल किया गया था। नगर परिषद से 31,93,627 रुपए का बजट मुहैया करवाने का आग्रह किया गया था। जानकारी के मुताबिक वीरवार को भी नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी व अन्य सदस्यों की पुलिस के साथ बैठक हुई। इसमें भी पुलिस ने नगर परिषद से बजट उपलब्ध करवाने का आग्रह किया।
पुलिस के मुताबिक बद्रीपुर, बांगरन, रेनबैक्सी व गीता भवन पर 16 कैमरों से नजर रखी जा सकती है। इसके अलावा वाई प्वाइंट, विश्वकर्मा चौक, बातापुल, बहराल चैकपोस्ट, यमुना ब्रिज, देवीनगर व बातामंडी क्षेत्रों में 17 कैमरे लगाए जाने जरूरी हैं। कैमरे आईपी की एएमपीआर प्रणाली से लैस होंगे। प्रति कैमरा कीमत 58,389 रहती है। हालांकि स्पष्ट नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि इन कैमरों के लगने से समूचे शहर की गतिविधियों को पुलिस कार्यालय में बैठकर देख सकती है।
उधर एसपी रोहित मालपानी ने माना कि नगर परिषद से बजट उपलब्ध करवाने का आग्रह किया गया है। दीगर बात यह भी है कि पांवटा साहिब नगर परिषद राज्य के धनाढय निकायों में से एक है। शहर की सुरक्षा को लेकर बजट उपलब्ध करवाना कोई बड़ी बात नहीं है।
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