एमबीएम न्यूज/नाहन
जिस स्कूल में पढ़ाई के लिए 14 किलोमीटर पैदल सफर कर शिक्षा प्राप्त की, आज उसी स्कूल में युवक ने टीचर बनने का सपना पूरा किया है। कठोर परिश्रम करने वाले किशोर शर्मा आज उसी स्कूल में बतौर टीजीटी अपने कैरियर की शुरूआत करेंगे। गरीब परिवार से संबंध रखने वाले किशोर शर्मा का सपना बचपन से ही शिक्षक बनने का था। बेहद खतरनाक व जंगलयुक्त रास्तों से किशोर को 14 किलोमीटर की दूरी तय कर पढ़ाई करनी पड़ती थी।
यही नहीं, गरीबी ने भी किशोर की राह में बाधा उत्पन्न करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी, मगर उसके हौंसलों ने इन सभी मुश्किलों को परास्त कर दिया। पिता वन विभाग से बतौर चौकीदार सेवानिवृत हुए हैं। मां गृहणी है। पांच भाई-बहनों की पढ़ाई का जिम्मा अकेले पिता पर था। मनरेगा में मजदूरी भी की। बरसात में वन विभाग की नर्सरियों में काम किया। पढ़ाई का खर्च पूरा करने के लिए जो भी काम मिला, चाहे वो छोटा था या बड़ा, कभी गुरेज नहीं किया।
नाहन तहसील की विकट भौगोलिक परिस्थितियों वाली पंचायत थाना कसोगा के रहने वाले किशोर शर्मा आज सफलता से गदगद हैं। सीनियर सैकेंडरी स्कूल बिरला, जहां उन्होंने खुद शिक्षा ग्रहण की, वहीं अब छात्रों को शिक्षा देंगे। टीजीटी आर्टस पद पर चयनित हुए किशोर शर्मा सिलेबस की पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को जनरल नॉलेज व नैतिक शिक्षा का पाठ भी पढ़ाएंगे। उनके इस मुकाम पर पहुंचने से उन अन्य छात्रों को भी प्रेरणा मिलेगी, जो सुविधाओं के अभाव में अपने ध्येय से भटक जाते हैं।
कठोर इच्छा शक्ति व भगवान के आशीर्वाद को अपनी सफलता का श्रेय देने वाले किशोर ने इससे पहले पशुपालन विभाग में भी फार्मासिस्ट के पद के लिए क्वालीफाई किया था। मगर उनकी मंजिल एक शिक्षक बनने की थी, जिसे आज उन्होंने पूरा कर दिखाया।
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