एमबीएम न्यूज/नाहन
एक साधारण कार्यकर्ता से डॉ. राजीव बिंदल ने विधानसभा अध्यक्ष तक सफर तय किया है। 1995 से 2000 तक सोलन नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर रहने के बाद विधानसभा में पहली पारी 2000 में शुरू की। उप चुनाव जीतते ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दायित्व मिल गया। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में कुशल प्रबंधक के तौर पर पहचान रखने वाले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल का जन्म उत्तर भारत के नामी वैद्य व समाजसेवी बाल मुकन्द के घर 12 जनवरी 1955 को हुआ था।
खास बात यह है कि डॉ. बिंदल ने अपने बेटे को राजनीति की तरफ प्रेरित नहीं किया, बल्कि बेटा डॉ. विवेक बिंदल आज देश के विख्यात रॉबोटिक सर्जन के नाम पर अपनी पहचान रखता है। यहां तक की एक मर्तबा डॉ. विवेक बिंदल की पीठ मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी थपथपाई थी। पुत्रवधू डॉ. उषा बिंदल भी मेडिकल कॉलेज की सहायक प्रोफेसर हैं। बेटी व दामाद रेडियोलॉजी विषय के विशेषज्ञ हैं। यानि परिवार की पूरी पृष्ठभूमि चिकित्सा के क्षेत्र से ही जुड़ी हुई है। कहते हैं, हर सफल पुरुष के पीछे एक महिला का योगदान होता है। इस कहावत को विधानसभा अध्यक्ष की पत्नी मधू बिंदल ने भी बखूबी साबित किया है।
1978 में आयुर्वेदाचार्य की डिग्री हासिल करने वाले डॉ. राजीव बिंदल अपना आदर्श दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को मानते हैं। संघ के प्रचारक के रूप में आदिवासी क्षेत्रों में भी कार्य करने का निर्णय लिया था। करीब अढ़ाई साल तक झारखंड में ही निशुल्क चिकित्सालय का नेतृत्व करते रहे।
जीवन से जुड़ी खास बातें
- 1945 में सोलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा पिता बालमुकंद ने शुरू की थी।
- पिता 1919 से 1925 तक राष्ट्रपिता द्वारा चलाए गए स्वतंत्रता आंदोलन के भी सक्रिय कार्यकर्ता थे।
डॉ. राजीव बिंदल ने 1975 में एमरजेंसी के दौरान जेल भी भुगती। साढे़ चार महीने तक करनाल की जेल में रहे। - 1983 में पैतृक शहर सोलन में चिकित्सा कार्य शुरू किया। इसी दौरान हिमगिरि कल्याण आश्रम संस्था का गठन भी किया। निर्धन व अभावग्रस्त बालकों की सेवा करने वाली इस संस्था में लगातार 20 साल तक कार्य करते रहे।
- 1995 में पहली बार राजनीतिक जीवन में कदम रखा। पांच साल तक नगर परिषद अध्यक्ष रहने के बाद 2000 में उप चुनाव जीता। 2003 में सोलन हलके से दूसरी बार विधायक बने। 2007 में चुनाव जीतने की हैट्रिक बना ली। डि-लिमिटेशन के बाद नाहन विधानसभा में बीजेपी के टिकट पर चौथा चुनाव जीता। 2017 में नाहन से दूसरी बार चुनाव जीत गए।
- प्रदेश में 108 एंबूलेंस सेवा भी डॉ. बिंदल की ही दूरदृष्टि का नतीजा रहा। इस सेवा की नींव उनके स्वास्थ्य मंत्री रहने के दौरान ही पड़ी थी।
- संगठनात्मक कौशल व अनुभव की वजह से पार्टी ने उन्हें हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर चुनाव में कई बार महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी।
- बतौर विधानसभा अध्यक्ष नाहन विधानसभा क्षेत्र के लिए कई महत्वाकांशी योजनाओं को पूरा करवाने में लगे हुए हैं। इसमें पुलों का निर्माण व नाहन पेयजल योजना अहम है।