वी कुमार/मंडी
प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पराशर अब मौज मस्ती का स्थान बनकर रह गया है। पराशर देवता मंदिर कमेटी ने इस बात पर चिंता जताते हुए जिला प्रशासन से इस ओर विशेष ध्यान देने की गुहार लगाई है। साथ ही यहां पर पुलिस का नाका लगाने की मांग भी उठाई है। एक तरफ हिमाचल प्रदेश सरकार धार्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर जोर दे रही है और दूसरी तरफ यह धार्मिक स्थल लोगों के लिए मौज मस्ती का केंद्र बनते जा रहे हैं।
मंडी जिला का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पराशर भी इन दिनों कुछ ऐसी ही मौज मस्ती का केंद्र बना हुआ है। पराशर देवता मंदिर कमेटी ने भी अब इस पर चिंता जताना शुरू कर दिया है। मंदिर कमेटी के सदस्यों ने डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपकर पराशर जैसे धार्मिक स्थल के साथ हो रही छेड़छाड़ को रोकने की गुहार लगाई है। कमेटी के प्रधान बलवीर ठाकुर के अनुसार पराशर मंदिर सड़क सुविधा के साथ जुड़ने के बाद धार्मिक और अध्यात्मिक तौर पर कम जबकि मौज मस्ती के अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है।
खासकर युवा वर्ग यहां मौज मस्ती करने आते हैं और नशे में यहां पर दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। हाल ही के दिनों में यहां पर हुए हादसे इस बात की तरफ स्पष्ट ईशारा करते हैं। मंदिर कमेटी इतनी बेबस नजर आ रही है कि यहां बने सराय भवनों में हो रही मौज मस्ती को भी नहीं रोक पा रही है। मंदिर कमेटी ने कई बार इस पर लगाम लगाने की नाकाम कोशिश की हैं। यही कारण है कि अब इन्हें जिलाधीश के दरबार में आकर मदद की गुहार लगानी पड़ी।
इनका स्पष्ट कहना है कि धार्मिक स्थल सभी के लिए है लेकिन इस मौज मस्ती का केंद्र नहीं बनाया जाना चाहिए। बता दें कि पराशर झील को पराशर ऋषि की तपोस्थली माना गया है और यह विश्व भर में अपनी धार्मिक विशेषता के लिए जानी जाती है। लेकिन बीते कुछ समय से जिस तरह से यहां पर अवैध गतिविधियां बढ़ रही हैं। उससे इस धार्मिक स्थल पर बदनुमा सा दाग लगता जा रहा है। यदि समय रहते इसे धोया नहीं गया तो फिर भविष्य में यह दाग और गहरा होता जाएगा।