एमबीएम न्यूज/शिमला
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पांचवी व आठवीं कक्षा में नालायक छात्र फेल होंगे। दरअसल केंद्र सरकार ने आरटीई के नियमो में संशोधन किया है। प्रदेश में 2019-20 के शैक्षणिक सत्र से संशोधित नियमों को लागू किया जाएगा। पुराने नियमों के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक बिना पढ़े ही छात्रों को उत्तीर्ण करने का प्रावधान था।
इससे कई मर्तबा शिक्षा विभाग की फजीहत भी होती थी, क्योंकि बिना बेसिक पढ़ाई के छात्र बगैर अड़चन के आठवीं कक्षा तक पहुंच रहे थे। कई मर्तबा सातवीं व आठवीं कक्षा के विद्यार्थी जमा-घटाव तक नहीं कर पाते थे। अब कम ग्रेड लेने पर छात्रों को फेल किया जाएगा। सूबे में 2009 से आरटीई के नियम लागू हैं। इन नियमों की वजह से शिक्षा का स्तर लगातार गिरता रहा है। 2010 में कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान आरटीआई में बदलाव करने पर सहमति बन गई थी।
भारत सरकार से मंजूरी न मिलने के कारण विधानसभा में पारित आरटीई के नए नियमों को लागू नहीं किया जा सका था। सरकारी स्कूलों में पांचवी के छात्रों को भी सही ढंग से अंकों का ज्ञान नहीं है। हिमाचल में इसका असर बोर्ड परीक्षा के नतीजों पर भी नजर आता रहा है। खमियाजा शिक्षकों को भी भुगतना पड़ रहा था, क्योंकि स्कूल का खराब रिजल्ट आने की वजह से शिक्षकों की इंक्रीमेंट को रोकने का प्रावधान किया गया था। साथ ही उन्हें शर्मसार भी होना पड़ता था। यह अलग बात है कि सरकार ने खराब रिजल्ट पर शिक्षकों की इंक्रीमेंट के फैसले को अब वापस ले लिया है। उधर शिक्षा मंत्री के ओएसडी डॉ. मामराज पुंडीर ने आरटीआई नियमों के संषोधन की पुष्टि की है।
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