अनिल छांगू/फतेहपुर
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शहादत को चूमने वाले शहीद लांस नायक सपन चौधरी (34) का शुक्रवार दोपहर पैतृक गांव सिहाल में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इस दौरान पार्थिव शरीर को लेकर पहुंचे सेना के जवान भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। महज सात साल के बडे़ बेटे सार्थक ने पिता को मुखाग्नि दी। हैरानी वाली बात यह थी कि प्रशासन के अधिकारी पहुंचे तो सही, लेकिन महज औपचारिकता पूरी की गई। सरकार की तरफ से कोई भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचा था। शहीद लांस नायक सपन चौधरी का अंतिम संस्कार
इस जनपद से चार कैबिनेट मंत्री हैं। साथ ही कई अन्य नेता शीर्ष पदों पर बैठे हैं, लेकिन किसी ने भी शहीद के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेना मुनासिब नहीं समझा। प्रशासन के अधिकारियों ने भी दुखभरे शब्द बोलकर किनारा कर लिया। पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद बेटे के पार्थिव शरीर को देखकर मां बिलख-बिलख कर रो पडी। आंखों से बहते आंसुओं के साथ मां शहादत पर गर्व भी महसूस कर रही थी। गमगीन माहौल में हर किसी की आंख नम थी। उल्लेखनीय है कि हिमस्खलन की चपेट में आने से लांस नायक सपन चौधरी अपने एक अन्य साथी के साथ जख्मी हो गया था। उसके बाद अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।
16 साल से कर रहा था देश सेवा # चचेरी बहन की शादी में आने का कर गया था वादा # सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़ा है परिवार
https://youtu.be/MLF_clwNTjA
अंतिम संस्कार के दौरान सिख रेजीमेंट द्वारा शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। शहीद सपन करीब तीन महीने पहले ही दो सितंबर को छुट्टी के बाद डयूटी पर लौटा था। आदर्श मॉडल स्कूल चाट्टा से मैटिक करने के बाद 18 साल की उम्र में सेना में भर्ती हो गया था। विधवा पत्नी ललिता गृहणी है। बड़ा बेटा सार्थक पहली कक्षा का छात्र है, जबकि छोटा बेटा महज डेढ़ साल का है।
चचेरी बहन की शादी….
सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार के लांस नायक सपन चौधरी के पिता वीर सिंह भी सेना से सेवानिवृत हुए हैं। बड़ा भाई भरत भूषण भी एक साल पहले देष की सेवा कर घर लौटा था। मार्च 2019 में सपन की चचेरी बहन की शादी है। घर से लौटते वक्त सपन ने बहन की शादी में घर आने का वायदा किया था।