एमबीएम न्यूज़/संगड़ाह
पूर्व विधायक एवं गत विधानसभा चुनाव में रेणुकाजी से निर्दलीय प्रत्याशी रहे हिरदा राम चौहान ने आगामी लोकसभा चुनाव में भी बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतरने का दावा किया है। गुरुवार को संगड़ाह में उनकी मौजूदगी में आयोजित लोकहित विकास मंच की बैठक में इस बारे सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। लोक हित विकास मंच के अध्यक्ष रणजीत चौहान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पूर्व विधायक हिरदा राम के अलावा पूर्व विधायक रूप सिंह तथा बीडीसी सदस्य हीरा पाल शर्मा सहित सौ के करीब लोग मौजूद रहे।
गत विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट न मिलने की सूरत में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतरे हृदय राम के समर्थकों द्वारा गत वर्ष विकास मंच का गठन किया गया था। हिरदा राम चौहान ने कहा कि भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें तथा उनके समर्थकों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। समर्थकों के आत्मसम्मान तथा क्षेत्र विकास के लिए वह बतौर निर्दलीय उम्मीदवार लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय ले चुके हैं। उधर भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रताप तोमर के अनुसार पूर्व विधायक हिरदा राम तथा उनके 22 समर्थकों को आला कमान द्वारा छः साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है। मंडल के पास किसी भी निलंबित सदस्य की वापसी का आवेदन नहीं आया है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2017 के विधानसभा चुनाव में रेणुकाजी से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार 12,069 वोट प्राप्त करने वाले हिरदा राम को क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी की हार का एक प्रमुख कारण समझा गया। इसी कारण भाजपा द्वारा उन्हें व उनके समर्थकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया। सूत्रों के मुताबिक हिरदा राम व उनके समर्थकों ने हिमाचल प्रदेश के आला भाजपा नेताओं के समक्ष आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सभी कार्यकर्ताओं की सम्मानजनक पार्टी में घर वापसी का प्रस्ताव रखा था। इस अनौपचारिक प्रस्ताव को मंडल व जिला कमेटी के लोगों ने स्वीकार नहीं किया। गुरुवार को संगड़ाह में हुई लोकहित विकास मंच की बैठक के बाद बागी भाजपाइयों की घर वापसी की संभावनाएं न के बराबर समझी जा रही है।
बैठक के बाद लोक हित विकास मंच द्वारा क्षेत्र में खाली पड़े पदों, मिनी सचिवालय मार्ग की खस्ताहालत तथा गिरिपार को जनजातीय दर्जे की मांग आदि मुद्दों को लेकर एसडीएम संगड़ाह राजेश धीमान को ज्ञापन भी सौंपा गया। विकास मंच पदाधिकारियों ने दावा किया कि सेवानिवृत्त एचएएस अधिकारी हिरदा राम के बतौर निर्दलीय उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में उतरने से चुनावी समीकरण बदल जाएंगे। विधानसभा चुनाव की तरह भाजपा को इसका भारी नुकसान हो सकता है।