सोलन (एमबीएम न्यूज) : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं कसौली निर्वाचन क्षेत्र के विधायक डा.राजीव सहजल ने प्रदेश में काबिज मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार पर अदला-बदली की भावना से कार्य करने का आरोप जड़ा है। उन्होंने सरकार के ढाई वर्ष के कार्यकाल को विफलताओं से भरा करार दिया है। यह आरोप डा.राजीव सहजल ने सोलन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि सोलन के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री डा. धनीराम शांडिल के ईशारे पर प्रदेश सरकार ने कसौली निर्वाचन क्षेत्र की तीन ग्राम पंचायतों को जबरन ममलीग उपतहसील से जोड़ा है। इससे कसौली निर्वाचन क्षेत्र की हरिपुर,पट्टा-ब्रुअरी,जाबल-झमरोट पंचायत के अलावा दो पटवार सर्किल हरिपुर व जाबल-झमरोट को इससे जबरन जोड़ा गया है। ग्रामीणों को भारी कठिनाइयां पेश आ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब सरकार राजस्व विभाग के अधिकारियों को गांव-गांव में भेज कर यह पूछ रही है कि लोगों को इससे क्या ऐतराज है जबकि यह सर्वे पहले होना चाहिए था।
उन्होंने इन पंचायतों को फिर से सोलन से जोडऩे की मांग दोहराई। सहजल ने कहा कि प्रदेश में जब से कांग्रेस पार्टी की सरकार सत्ता में आई है विकास कार्य ठप पड़े हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नए विकास कार्य करवाना तो दूर,बल्कि तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में शुरू किए गए विकास कार्यों को भी मूर्त रूप नहीं दे पाई है। पूर्व धूमल सरकार के वक्त प्रदेश में जितने भी विकास कार्य शुरू किए गए थे उन्हें कांग्रेस ने सत्ता संभालते ही बंद करवा दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में बस अड्डे का निर्माण कार्य बंद किया गया है। वहीं धर्मपुर कालेज सिर्फ दो कमरों में ही चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने धर्मपुर में कॉलेज का नींव पत्थर रखा था,लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद इसे बंद कर दिया था। परंतु कुछ समय बाद उसी स्थान पर कालेज का खोला गया है इससे प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार संकीर्ण राजनीति करने पर उतर आई है जिसे बर्दाशत नहीं किया जाएगा। डा.राजीव सहजल ने कहा कि प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में आज तक बस अड्डे का निर्माण नहीं हो पाया है। हालांकि भाजपा शासनकाल में इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया था,लेकिन सत्ता परिवर्तन होते ही यह कार्य बंद पड़ा है। धूूमल सरकार के समय में परवाणू में नायब-तहसीलदार के कुछ दिन बैठने की व्यवस्था की गई थी,लेकिन अब यह भी बंद है,जिससे लोगों को अपने छोटे-छोटे कार्यों के लिए कसौली आना पड़ रहा है।