एमबीएम न्यूज/नाहन
नाहन-शिमला हाईवे पर कुम्हारहट्टी तक पहाड़ दरकने की संभावना होगी तो सायरन बज उठेगा। पल भर में ही चेतावनी जारी हो जाएगी। आईआईटी मंडी के छात्रों की टीम ने हाईवे पर मंगलवार को 6 संयत्र स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया है। भू-स्खलन निगरानी व चेतावनी टैक्नोलॉजी की कीमत महज 20 हजार रुपए है, जो मौसम मानकों व मिट्टी के गुणों को भी रिकॉर्ड कर सकती है।
दरअसल आईआईटी मंडी ने कोटरोपी त्रासदी के बाद इस मॉडल को ईजाद किया था। त्रासदी के बाद इन उपकरणों को वहां स्थापित कर दिया गया था। कोटरोपी में दोबारा भू-स्खलन से पहले ही चेतावनी जारी हो गई थी।
जानकारी के मुताबिक हाईवे पर इन संयत्रो को स्थापित करने के लिए 6 स्थानों को चुना गया है। टैक्नोलॉजी के माध्यम से एसएमएस भी भेजे जा सकते हैं। बारिश को लेकर भी एडवाजरी जारी हो सकेगी। इस परियोजना को सिरमौर में भी स्थापित करने की मंजूरी मिली थी।
उपायुक्त ललित जैन ने इस टैक्नोलॉजी को लाने में अहम भूमिका निभाई है। प्रशासन के निर्देश के बाद ही साइट निरीक्षण किए गए थे। सोलन व नाहन के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर 6 स्थानों को चिन्हित किया गया। डीसी ललित जैन का कहना है कि संयत्रों की गतिविधि को वैबसाइट पर ऑनलाइन टेब्यूलर व ग्राफिक प्रारूपों में भी ऑनलाइन देखा जा सकता है। प्रणाली स्थानीय स्तर पर ब्लिंकर व हूटर के माध्यम से इस्तेमाल होगी।