एमबीएम न्यूज़/शिमला
गर्मियों व बरसात में कई जिलों में कहर बरपाने वाले डेंगू का प्रकोप सर्दियों में भी जारी है। राजधानी शिमला स्थित सूबे के बड़े अस्पताल आईजीएमसी में डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। शिमला जिले के रोहड़ू निवासी 46 वर्षीय व्यक्ति में डेंगू की पुष्ठि हुई है। वह आईजीएमसी में उपचाराधीन है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 10 दिन के अंदर आईजीएमसी में डेंगू के छह मामले सामने आ चुके हैं। इससे लोगों को डेंगू का डर सताने लग गया है। इससे पहले बरसात खत्म होने के बाद लोग डेंगू के कहर से निजात मान रहे थे। आईजीएमसी के एमएस जनक राज ने बताया कि डेंगू ग्रस्त एक व्यक्ति यहां उपचाराधीन है। उसकी हालत खतरे से बाहर है। मरीज को तीन दिन पहले उपचार के लिए आईजीएमसी में भर्ती किया गया था।
जब चिकित्सकों ने मरीज की रिपोर्ट में पाया की उसे डेंगू ने जकड़ लिया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा आईजीएमसी में आज स्क्रब टायफस के सात टैस्ट लिए गए और सभी टैस्ट नैगेटिव पाए गए हैं। चिकित्सकों के अनुसार यदि डेंगू को समय पर पहचाना जाए तो इसके प्रभाव से बचा जा सकता है। इसके लक्षणों को जानना जरूरी है। इसके मुख्य लक्षण अकस्मात तेज बुखार होना, जी मचलना एवं उल्टी लगना, नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना और त्वचा पर चकत्ते उभरना, मासपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, आखों के पीछे दर्द होना।
डेंगू फैलाने वाला मच्छर खडे हुए साफ पानी में पनपता है। यदि घर के आसपास पानी जमा है, पानी की टंकी खुली है, पक्षियों के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन, टायर आदि में पानी जमा है तो वहां पर डेंगू का मच्छर पैदा हो सकता है। ऐसे में इन चीजों में पानी न जमा होने दें, वहीं पानी से भरे बर्तनों को ढक कर रखना जरूरी है।