एमबीएम न्यूज/नाहन
सिरमौर के पहले पेंटर व नामी आर्टिस्ट के साथ-साथ आतिशबाज शाकिर अहमद कुरेशी ने सोमवार सुबह दुनिया को अलविदा कह दिया है। अपने जमाने के नामी पेंटर तो थे ही, साथ ही एक मशहूर आतिशबाज भी रहे। परिवार का कहना है कि जो हुनर उनके पास था, वो शायद ही आज किसी के पास हो।
अपने हुनर को शाकिर अहमद कुरेशी ने अपने बेटे जाकिर के अलावा दामाद शाहिद को भी विरासत में दे गए हैं। 1938 में जन्मे कुरेशी ने उस जमाने में पेंटिंग शुरू की थी, जब कोई इस बारे में सोचता भी नहीं था। जीवन के अंतिम पड़ाव तक भी कुरेशी अपने हुनर को निखारने में लगे रहे। रंगों से हर किसी के जीवन में खुशियां बांटने में माहिर थे। मेहमानवाजी व खुश मिजाजी भी उनके जीवन के सुनहरी सितारे थे।
बेटे जाकिर व दामाद शाहिद के मुताबिक सोमवार शाम मरहूम कुरेशी को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। यह भी बताया जा रहा है कि कुरेशी को पुरानी वस्तुओं को संग्रहित करने का शौक था। गुन्नुघाट से गुजरने वाला हरेक व्यक्ति उनके हरेक हुनर से बखूबी वाकिफ रहा।
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