अमरप्रीत सिंह/सोलन
नगर परिषद में भाजपा पार्षदों को अपना अध्यक्ष बिलकुल भी रास नहीं आ रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है। पहले भी पार्षदों ने मिलकर अपने अध्यक्ष पवन गुप्ता को इस पद से उतार दिया था। गौरतलब है कि 6 भाजपा पार्षदों के साथ पहली बार तीन मनोनीत पार्षदों ने भी रोष जाहिर करते हुए इस्तीफा दे दिया है। उनका आरोप है कि दूसरे राजनैतिक दलों को भाजपा अध्यक्ष सहयोग कर उन्हें दरकिनार कर रहे है। जिससे भाजपा शहर में लगातार कमजोर और दूसरे राजनैतिक दल उन पर हावी हो रहे है। इस मौके पर पूर्व अध्यक्ष पवन गुप्ता और अन्य पार्षदों ने कहा कि वर्तमान अध्यक्ष ने विकास पर पूर्ण रूप से अंकुश लगा दिया है।
पारदर्शिता बिलकुल भी नहीं रखी जा रही है। अध्यक्ष अपनी मनमानी पर उतर आए है। जिसकी वजह से आज भाजपा के पार्षद अपने वार्डों में मुहं दिखाने के काबिल नहीं रहे है। यही कारण है कि वह आज तंग आकर अपने मंडल अध्यक्ष को अपने सामूहिक इस्तीफे सौंप दिए है। उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि अगर मंडल सही समय पर कोई कदम नहीं उठाता है, तो उसका खामियाजा आने वाले चुनावों में भी भुगतना पड़ सकता है। इस सारे प्रकरण के बाद कांग्रेस पांचो पार्षद वेट एंड वाच की नीति पर चल रहे हैं।
अगर पार्टी स्तर पर अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को नहीं हटाया जाता तो अविश्वास प्रस्ताव के लिए आठ पार्षदों की जरुरत होगी। नगर परिषद् में इस समय 11 भाजपा समर्थित व 5 कोंग्रेसी समर्थित पार्षद है। अब सबकी निगाहें भाजपा मंडल अध्यक्ष पर टिकी है। देखना यह है कि वह उनके इस्तीफे मंजूर करते है या उनके बीच मध्यस्ता करवा दोबारा नगर परिषद् पर काबिज होंगे।