एमबीएम न्यूज /नाहन
शहर में इन दिनों पार्किंग के लिए के लिए मनमानी का दौर चला हुआ है। लोग अपने वाहनों को सड़को पर पार्क करने के साथ दूसरे के घर के आगे खड़ा करने में भी संकोच नहीं करते है। इसमें झगड़े भी होते हैं। शहर में भी पार्किंग के लिए प्रशासन कोई इंतजाम न कर सका, क्योंकि यह कार्य बेहद मुश्किल है। लेकिन यहां आम जनमानस व प्रशासन की सोच से हटकर नगर परिषद विश्रामगृह के समीप जावेद अली ने एक ऐसी मिसाल कायम की है जो सड़कों किनारे वाहन पार्क करने वालों को सोचने पर मजबूर कर देगी।
उन्होंने किसी के घर के आगे या फिर सड़क पर वाहन पार्क करने की बजाय जोखिम उठाकर अपने ही घर में पार्किंग स्थल इजाद कर दिया। इस कार्य में उन्हें काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। जी हां, जावेद ने अपने पुराने तीन मंजिला भवन में पार्किंग बना दी। यह पार्किग बनाना हर किसी के बस की बात नहीं थी, क्योंकि पार्किंग को बनाने के लिए बहुत बड़ा खतरा मोल लिया गया। वह इसलिए कि तीन मंजिला भवन के नीचे डंगे को तोड़कर पार्किंग बनाई जा रही थी, जिससे तीन मंजिल मकान धराशायी हो सकता था। जावेद अली ने एक मिस्त्री मोहम्मद नशार से मशवरा कर घर का पार्किंग निर्माण शुरू करवाया। यहां उन्होंने पहले चार बीम व पीलर डालें, जिसके पश्चात पार्किंग पर लेंटर डाला गया। उसके बाद खुदाई के बाद मलबा निकाला। बाद में पार्किंग की दीवार बनाई गई। अब पार्किंग के ऊपर तीन मंजिला इमारत भी खड़ी है। इस अनोखे रिस्क के बाद जावेद अली ने चैन की सांस ली। अब वे अपनी गाड़ी व बुलेट अपनी पार्किंग में पार्क करते हैं।
पड़ोसी ने भी लिया सबक
जावेद अली से प्रेरणा पाकर स्थानीय निवासी मोहम्मद अली ने भी अपने घर के नीचे ड़गा तोड़कऱ उसी तर्ज पर पार्किंग बनाई है जैसी जावेद अली ने बनाई थी।
क्या कहते हैं जावेद अली
एमबीएम न्यूज से बातचीत में जावेद अली ने बताया कि शहर में पार्किंग की समस्या के लिए हम खुद भी जिम्मेदार हैं। हमें वाहन तभी लेना चाहिए, जब हमारे पास पार्किंग की उचित व्यवस्था हो। इसी के चलते शहर में अव्यवस्था का आलम है। जावेद ने बताया कि मैंने अपने घर में पार्किंग इसलिए ही बनाई थी कि मैं किसी को परेशान नहीं करना चाहता था। अगर लोग अपनी खाली पड़ी जमीन व घर में ही पार्किंग अडजस्ट कर सकते हैं तो यह शहर में अव्यवस्था को दूर करने का अच्छा सामाजिक कार्य होगा।
चाहते तो…
घर के भवन का रिस्क लेने की बजाय जावेद अली अपनी कार को सड़क पर भी खड़ा कर सकते थे ,क्योंकि घर के सामने काफी जगह है। इसके इलावा नगर परिषद के विश्राम गृह में भी पार्किंग का जुगाड़ हो सकता था। लेकिन जावेद ने ऐसा नहीं किया।
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