एमबीएम न्यूज/नाहन
शिक्षा का अधिकार कानून के तहत स्कूली छात्र-छात्राओं को साफ पीने का पानी उपलब्ध होना चाहिए। साथ ही शौचालय के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए। मगर संगड़ाह उपमंडल की राजकीय माध्यमिक व प्राथमिक पाठशाला में दो साल से पेयजल नहीं है। यहां तक की शौचालय का कोई प्रावधान नहीं है। अब जब पीने को ही पानी नहीं है तो शौचालय में पानी कहां से आएगा। यही कारण है कि छात्र-छात्राओं को खुले में शौच को मजबूर होना पड़ता है।
अब आप सोच रहे होंगे कि मध्याहन योजना के तहत खाना कैसे बनता होगा तो इसके लिए स्टाफ को नजदीकी नालों व खड्डों से पानी भरकर लाना पड़ता है। पाठशाला प्रबंधन समिति ने 17 मार्च 2018 को संगड़ाह के आईपीएच महकमे को प्रस्ताव पारित कर भी भेजा था। 2 मई 2018 को एक प्रस्ताव संगड़ाह के एसडीएम को भी भेजा गया। अब समिति ने प्रस्ताव पारित कर डीसी ललित जैन को भेजा है।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि स्कूल का पेयजल भंडारण टैंक टूटा-फूटा हुआ है। इसमें भी गंदगी का अंबार लगा हुआ है। स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने उपायुक्त से तुरंत ही इस दिशा में उचित कदम उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि नौनिहालों को स्वच्छ पानी व शौचालय की सुविधा तुरंत उपलब्ध करवाई जाए। उधर इस मामले में आईपीएच व प्रशासनिक प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हुई है। मिलने पर प्रकाशन किया जाएगा।