एमबीएम न्यूज/नाहन
नेक कार्य से प्रेरणा लेने की बजाय आलोचना का दौर भी शुरू हो जाता है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने रविवार दोपहर इस बात का खुलासा किया था कि कैसे एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आरएस नेगी ने अपने एक दोस्त आरके शर्मा के साथ मिलकर नैनाटिक्कर के दुर्गम गांव में चाइल्ड केयर संस्थान (अनाथालय) स्थापित किया है। इस पर एक करोड़ 40 लाख रुपए खर्च किए हैं। चंद घंटों में ही सिरमौर की चाइल्ड वैलफेयर कमेटी ने इसे प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया।
कमेटी की चेयरपर्सन ने एक वेबसाइट को दिए बयान में कहा कि सीडब्ल्यूसी से संस्थान ने अनुमति नहीं ली है, लेकिन चाइल्ड वैलफेयर कमेटी भी कटघरे में आ गई है। सवाल इस बात पर उठता है कि संस्थान 6 महीने पहले शुरू हो चुका था। तब से आज तक कमेटी ने कितनी मर्तबा इस परिसर का निरीक्षण किया। सूत्रों के मुताबिक खुद कमेटी की चेयरपर्सन ने मात्र दो मर्तबा इस संस्थान को विजिट किया। 15 सितंबर को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन किरण धांटा ने अन्य सदस्यों के साथ परिसर का दौरा किया था।
इस दौरान चाइल्ड वैलफेयर कमेटी को भी साथ रखा गया। आयोग ने संस्थान में रखे गए अनाथ व अद्र्धअनाथ बच्चों का पंजीकरण मौके पर ही करने को कहा था, लेकिन 22 दिन बीत जाने के बावजूद चाइल्ड वेलफेयर कमेटी अपने स्तर पर कोई कदम नहीं उठा सकी। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के समपर्ण को देखते हुए तमाम औपचारिकताएं मौके पर ही पूरी की जानी चाहिए थी। इसकी बजाय अडचनें फंसाने में कोई कोर कसर नहीं रखी गई। सोशल मीडिया में जब अधिकारियों के समपर्ण की दास्तां उजागर हुई तो चाइल्ड वैलफेयर कमेटी अपना राग अलापने लगी।
सूत्रों का यह भी कहना है कि सिरमौर की चाइल्ड वैलफेयर कमेटी इस कारण भी मुश्किल में पड़ सकती है, क्योंकि नियमानुसार परिसर का विजिट नहीं किया गया। सेवानिवृत अधिकारी अपनी धुन में इस संस्थान को स्थापित करने में लगे रहे। जिन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि सीडब्ल्यूसी से पंजीकरण होता है। सूत्रों के मुताबिक संस्थान के संचालकों से बात करने की बजाय चाइल्ड वैलफेयर कमेटी ने सीधे ही शिकायतें करनी शुरू कर दी। इसी के संज्ञान में 15 सितंबर को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन किरण धांटा परिसर में पहुंच गई। सूत्रों के मुताबिक आयोग ने ही कमेटी को मौके पर बच्चों को पंजीकृत करने को कहा, क्योंकि ऐसा न करने की सूरत में संचालकों व बच्चों को ही परेशानी का सामना करना पड़ता।
इस लिंक पर पढ़े,दो दोस्तों की जबरदस्त सोच का नतीजा : https://goo.gl/wXKhLm
चाइल्ड वैलफेयर कमेटी की चेयरपर्सन विजय श्री गौतम ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वो आयोग की टीम के साथ गई थी, लेकिन कोई पंजीकरण नहीं हुआ है। उन्होंने माना कि चाइल्ड केयर इंस्टीटयूशन को अस्थाई पंजीकरण प्राप्त है। उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर दिया कि उन्होंने संस्थान को गैर कानूनी होने का बयान दिया है।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन किरण धांटा ने कहा कि बेहतरीन स्ट्रक्चर पाया गया था। मौके पर ही सीडब्ल्यूसी को बच्चों से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने कहा कि अब तक अगर निर्देशों की पालना नहीं की गई होगी तो निश्चित तौर पर सिरमौर की चाइल्ड वैलफेयर कमेटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह का स्ट्रक्चर तैयार करने वालों को आयोग उचित मंच पर सम्मानित करने पर भी विचार कर रहा है।”