वी कुमार /मंडी
बात सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे की है। ऑटो चालक संदीप कुमार रोजाना की तरह ऑटो चलाता हुआ अपने काम में व्यस्त था। इसी दौरान उसकी नजर सड़क पर पड़े पर्स पर पड़ी। पर्स उठाया तो देखा की उसमें 9 हजार की रकम मौजूद थी। लेकिन पर्स में एचआरटीसी बस की दो टिकटों के सिवाय और कुछ भी नहीं था। यह टिकटें सराज से मंडी की यात्रा की थी। संदीप कुमार समझ गया कि किसी गरीब का पर्स गिर गया है। उसने इस पर्स को पुलिस के पास जमा करवा दिया और मीडिया को भी इसकी जानकारी दी। खुद भी सोशल मीडिया पर पर्स के बारे में जानकारी डाली।
जब यह संदेश सीएम के फैन क्लब में डाला गया तो सराज के एक व्यक्ति ने इस संदर्भ में फोन किया और पर्स के बारे में जानकारी दी। फोन करने वाले व्यक्ति का नाम योगेश था जोकि फौज में तैनात है और इन दिनों सराज स्थित अपने घर पर आया हुआ है। योगेश ने बताया कि उसके घर में एक पेंटर काम कर रहा था,उसका ही पर्स मंडी में कहीं गिरा है। फिर योगेश ने बिहार के गांव मथोरी खगडिय़ा के रहने वाला राजू पुत्र तुरंती राम को संदीप कुमार के पास पहुंचाया। एक मजदुर के चेहरों पर उस समय सकून फ़ैल गया जब उसे मेहनत से कमाई राशि वापस मिली।
राजू यह सब जानकर गदगद हो गया और कहने लगा कि पहाड़ में इतने ईमानदार लोग होते हैं,यह बात बिहार में जाकर सबको बताउंगा। संदीप कुमार दो साल पहले भी इसी तरह उसके ऑटो में रह गए एक पर्स को उसके मालिक को तलाश करके लौटा चुका है।