एमबीएम न्यूज़/शिमला
माकपा की शहरी कमेटी ने राज्य कमेटी के आह्वान पर बस किराया बढौतरी के खिलाफ सोमवार को उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। धरने के माध्यम से प्रदेश सरकार इस किराया वृद्धि को तुरंत वापिस लेने की मांग की गई। डीसी कार्यालय के बाहर धरने प्रदर्शन को पार्टी राज्य सचिवालय सदस्य डा. कश्मीर ठाकुर, शिमला जिला सचिव व पुर्व महापौर संजय चौहान, शहरी सचिव बलबीर पराशर, जिला सचिवालय सदस्य विजेंदर मैहरा, फालमा चौहान, किशोरी डटवालिया व बाबू राम ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार के द्वारा न्यूनतम बस किराया में 3 रु.से 6 रु. तक बढ़ाया है जोकि 100ः वृद्धि है। आज प्रदेश में सड़क परिवहन के अतिरिक्त कोई भी अन्य परिवहन की व्यवस्था नहीं है। रेल का विस्तार आजाद भारत मे सरकार द्वारा बिलकुल भी नहीं किया गया है। प्रदेश में जनता आज बस के द्वारा ही सफर करती हैं तथा पहले ही महंगाई की मार झेल रही हैं। किसान, मजदूर, कर्मचारी, छात्र, महिला सभी इस बस किराया से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। इस वृद्धि के बाद आज साधारण बस का किराया 1.75 रु.प्रति कि.मी. तय किया है जो कि अन्य राज्य की तुलना में कहीं अधिक है।
माकपा नेताओं ने कहा कि चुनाव के दौरान बीजेपी ने जनता से वायदा किया था कि अगर प्रदेश में सरकार बनेंगी तो जनता को कमरतोड़ महंगाई से राहत दी जाएगी परन्तु सरकार बनते ही जनता पर पानी, बिजली की दरों में वृद्धि, बस किराए में वृद्धि कर अर्थिक बोझ लादने का कार्य कर रही है जोकि स्पष्ट तौर से जनता से धोखा है। विडंबना तो ये है कि बीजेपी जो सादगी की बात करती है सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री व मन्त्री आर्थिक तंगी के बावजूद महँगी गाडि़यों का आनंद ले रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश की बीजेपी सरकार गरीब जनता पर आर्थिक बोझ लाद कर उस पैसे से ऐशोआराम कर रही हैं जोकि प्रदेश की जनता हरगिज बर्दास्त नहीं करेगी।
माकपा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस बस किराया वृद्धि को तुरंत वापिस ले अन्यथा पार्टी जनता को लामबंद कर इस किराया बढौतरी के खिलाफ निर्णायक आंदोलन करेगी।
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