वी कुमार/मंडी
मंडी जिला में नेशनल हाईवे की बदहाली पर अब सियासत शुरू हो गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष में अब आरोपों प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने प्रशासन से गड्ढों को भरने की अनुमति मांगी है, तो भाजपा ने गड्ढों को पूर्व की कांग्रेस सरकार की देन बताया है। बता दें कि इस वक्त मंडी जिला में फोरलेन के नाम पर मनाली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे की दुर्दशा हो चुकी है। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे को फोरलेन में बदला जा रहा है। लेकिन फोरलेन का सरपट सफर करने से पहले लोगों को खतरों का सफर करना पड़ रहा है।
फोरलेन के नाम पर इस वक्त मंडी जिला में नेशनल हाईवे की क्या दुर्गति हुई है यह किसी से छुपी नहीं है। अब इस दुर्गति पर सियासत शुरू हो गई है। मंडी जिला कांग्रेस कमेटी ने जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सरकार को ज्ञापन भेजकर नेशनल हाईवे पर पड़े गड्ढों को भरने की अनुमति मांगी है। मंडी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक शर्मा का कहना है कि यदि 10 दिनों में अनुमति नहीं मिली तो फिर स्थानीय लोगों के सहयोग से कांग्रेस खुद नेशनल हाईवे के गड्ढों को भरने का काम करेगी। कांग्रेस के अनुसार हिमाचल आने वाले पर्यटकों पर यहां की अच्छी छाप नहीं जा रही। ऐसे में वह नहीं चाहते कि प्रदेश की खराब छवि लेकर कोई पर्यटक यहां से जाए।
इसी कारण कांग्रेस ने अपने स्तर पर इन गड्ढों को भरने की अनुमति मांगी है। कांग्रेस की इस हलचल का भाजपा ने भी तीखा जबाव दिया है। भाजपा के जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह का कहना है कि नेशनल हाईवे के गड्ढे पूर्व में रही कांग्रेस सरकार की देन हैं। पूर्व सरकार के समय बहुत सी कंपनियां काम छोड़कर कर भाग गई जिस कारण आज यह काम अधूरा पड़ा हुआ है। रणवीर सिंह के अनुसार कांग्रेस के किए हुए गड्ढों को भरने का प्रयास मौजूदा जयराम सरकार कर रही है।
मौसम की खराबी के कारण इसमें विलंब हुआ है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जल्द ही इस कार्य को पूरा करके लोगों को बेहतर सड़क सुविधा का लाभ दिया जाएगा। बता दें कि मंडी सीएम जयराम ठाकुर का गृहजिला है। ऐसे में यहां की सड़कों की दुर्दशा को लेकर कांग्रेस ने मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है। लेकिन कांग्रेस के इन मुद्दों पर भाजपा भी सीधा संवाद करने के मुड़ में नजर आ रही है। बहरहाल आरोप प्रत्यारोप एक तरफ हैं और सड़कों की दशा सुधारना एक तरफ। देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस और भाजपा में शुरू हुई गड्ढों की सियासत का जनता को कोई लाभ मिल पाता है या नहीं।