नितेश सैनी/सुदंरनगर
पिछले 52 सालों से अमेरिका के नासा स्पेस सैंटर में बतौर सीनियर स्पेश साइंटिस्ट काम कर रहे डा. कुमार कृष्णन आजकल युवाओं को तराशने में लगे है। इसी संदर्भ में डा. कुमार कृष्णन ने मंगलवार को सुंदरनगर के जवाहर लाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को अपने अनुभव बांटे। उन्होंने बताया कि आज विश्व में भारत जिस ताकत से आगे बढ़ रहा है, आने वाला समय भारत का ही है। मगर उन्होंने अफसोस जताया कि हमारे युवा टेलेंटेड होने के बावजूद पिछड़ते जा रहे है। उन्होंने बताया कि स्पेस टेक्रोलोजी के जरिए आम जिंदगी किस तरह से बदल सकते है।
उन्होंने कहा कि इसी पिछड़ेपन को दूर करने के लिए उन्होंने हिमाचली युवाओं को हिमाचल एंपावरमैंट के जरिए आगे लाने की ठानी है। जिसमें हिमाचल एंपावरमैंट के उमेश गौतम अहम भूमिका निभा रहे है। मंगलवार को उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को बदलती टेक्नोलॉजी और चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। इस मौके पर छात्रों ने भी कई सवाल उनसे किए जिनके उन्होंने बड़ी सरलता से जवाब दिए। इस मौके पर कॉलेज के प्रधानाचार्य डा. आर के प्रुथी और निदेशक तकनीकी शिक्षा उपस्थित रहे।
कौन है डा.कुमार कृष्णन
डा.कुमार कृष्णन कश्मीर से है। वह कोलकाता में पढऩे के बाद भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा दी गई छात्रवृति से अमेरिका चले गए। वहां पर उन्होंंने स्पेस टेक्रोलोजी पर पीएचडी कर नासा में नौकरी कर ली। वह पिछले 52 साल से नासा में बतौर साइंटिस्ट काम कर रहे है। उन्हें नासा का दुर्लभ वैज्ञानिक सम्मान भी मिल चुका है, जो कि अब तक कम ही लोगों को मिला है। वह भारत के गगनयान मिशन में भी अहम भूमिका निभाने जा रहे है। मगर इनका असली प्रेम देश के युवा है। जिन्हेें वह समय समय पर अपने लैक्चर के जरिए पढ़ाते और सिखाते रहते है।