धर्मशाला (मोनिका शर्मा ) : उपायुक्त रितेश चौहान ने जिलावासियों से जल जनित रोगों के प्रति सचेत रहने का आग्रह करते हुये कहा कि साफ-सफाई पर खास ध्यान रखें ताकि बरसात के मौसम में किसी भी प्रकार की बीमारी से जूझना न पड़े। उपायुक्त ने कहा कि पेयजल के प्रदुषित होने से आन्त्रशोध, डायरिया, हैजा, पीलिया, टायफायड इत्यादि बीमारियों के फैलने की सम्भावना प्रबल हो जाती है। इससे बचाव के लिए आवश्यक है कि आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखा जाये।
उन्होंने कहा कि जल-जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए संबंधित विभागों के अधिकारी तत्पर हैं। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी पेयजल योजनाओं तथा जल स्त्रोतों की सफाई व क्लोरीनिकरण एवं ब्लीचिंग पाऊडर डालने की प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है ताकि मानसून मौसम के चलते प्रदुषित जल की सम्भावनाओं को कम करके जल जनित रोगों पर नियंत्रण रखा जा सके।
उन्होंने कहा कि आन्त्रशोध, हैजा या संबंधित बीमारियों के लक्षणों के आभास होते ही रोगी को समीप के स्वास्थ्य संस्थान में स्वास्थ्य निरीक्षण अथवा उपचार के लिए ले जाना चाहिये। हैजा, डायरिया, पीलिया, टायफायड, आन्त्रशोध इत्यादि जल-जनित बीमारियों के उपचार के लिए जिला के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में जीवन रक्षक औषधियां उपलब्ध करवाई जाती हैं, ताकि इन रोगों के फैलने की सम्भावनाओं पर नियंत्रण रखा जा सके।
उपायुक्त कांगड़ा ने जल जनित बीमारियों के नियंत्रण के लिए सभी वर्गों से आहवान किया कि वह पेयजल स्त्रोतों के समीप साफ सफाई रखें तथा बाजार में बिकने के लिए रखे खुले खाद्य पदार्थों का प्रयोग न करें। इसके अतिरिक्त होटल ढाबे व खाने-पीने की वस्तुओं को बेचने वाले दुकानदार वस्तुओं को स्वच्छ सुरक्षित व ढक कर रखें तथा आइसक्रीम व पेय पदार्थ, शरबत व नींबू पानी विक्रेता अपने उत्पादों को विषाणु रहित साफ व स्वच्छ पानी से निर्मित कर बेचें ।
उन्होंने बताया कि अधिकृत अधिकारी जिला में किसी भी दुकान, भवन अथवा बाजार में जाकर निरीक्षण कर सकते है। उन्होंने आम जनता से आग्रह किया कि जल जनित रोगों जैसे हैजा इत्यादि के होने पर तुरंत चिकित्सा अधिकारी से सम्पर्क करेंं तथा जहां तक हो सके पानी को उबाल कर ही पीयें।