नई दिल्ली (एमबीएम न्यूज़) : खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री जी.एस. बाली ने नई दिल्ली में खाद्य सुरक्षा एवं वितरण प्रणाली की समीक्षा के लिए आयोजित राष्ट्र स्तरीय परामर्श बैठक में भाग लेते हुए प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को पूरी तरह से लागू करने और इसके तहत लक्षित आबादी को सस्ता राशन उपलब्ध करवाने की प्रभावशाली ढंग से मांग उठाई। उन्होंने प्रदेश में खाद्य सुरक्षा एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत की जा रहीं अनेक सकारात्मक पहलों पर भी प्रकाश डाला तथा उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी।
केन्द्रीय खाद्य एवं वितरण प्रणाली मंत्री राम विलास पासवान की अध्यक्षता में आयोजित इस राष्ट्र स्तरीय परामर्श बैठक का उद्देश्य देश में आवश्यक खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता, कीमतों पर नियंत्रण, जमाखोरी रोकने, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू करने में हुई प्रगति तथा मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए कार्य योजना बनाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना था। इस बैठक में केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह सहित विभिन्न राज्यों के खाद्य एवं वितरण प्रणाली मामलों से जुड़े मंत्रियों व उच्च अधिकारियों ने भाग लिया।
हिमाचल प्रदेश में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए जी.एस. बाली ने अवगत करवाया कि यह प्रदेश देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में से है, जिसने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को पूरी तरह से लागू किया है। उन्होंने यह भी अवगत करवाया कि क्योंकि पहाड़ी प्रदेश होने के नाते यह राज्य अन्न के लिए केन्द्र पर ही निर्भर करता है तथा कहा कि इसलिए यह आवश्यक है कि अधिनियम का लाभ लक्षित समूह तक पंहुचाने के लिए और अधिक अन्न आबंटित करने तथा भण्डारण सहित अन्य अधो संरचनात्मक सुविधाएं मुहैया करवाए जाने की जरूरत है।
उन्होंने अवगत करवाया कि प्रदेश में लगभग 33 लाख जनसंख्या को इस अधिनियम के तहत चिन्हित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि केन्द्र सरकार से प्रदेश को 7 लाख आबादी के लिए और राशन आबंटित किया जाना है। उन्होंने मांग उठाई कि प्रदेश की इस मांग पर तुरंत ध्यान दिया जाए ताकि इस अधिनियम का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके।
जी.एस. बाली ने प्रदेश में जमाखोरी रोकने के लिए किये जा रहे उपायों, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए ई-राशन कार्ड बनाने तथा मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने और प्याज, दालें जैसी आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी करने वालों पर कड़ी नजर रखने के लिए सरकार ने अनेक उपाय किये हैं।