एमबीएम न्यूज़/बद्दी
औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के कामगारों के लिए बनाया गया ईएसआई मॉडल अस्पताल काठा सिरदर्द बनता जा रहा है। ईएसआई अस्पताल में कामगार जहां दवा लेने के लिए जाते हैं, लेकिन वहां उनको मिलता है अव्यस्थाओं का आलम। न दवा लाईन व ओपीडी का कोई सिस्टम है और न ही यह पता लगता है उनका इलाज कब और कहां होना है। हिंदू मजदूर सभा के प्रदेशाध्यक्ष मेलाराम चंदेल, महासचिव राजू भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश का यह सबसे बडा अस्पताल है, लेकिन वह सिर्फ दिखावा बन कर रह गया है।
ओपीडी की पर्ची बनाने वाले कंपयूटर अक्सर खराब रहते है और कभी स्लो होने का बहाना बनाया जाता है। मरीजों को बस स्टैंड व अन्य क्षेत्रों से लाने ले जाने के लिए विभाग ने बाकायदा वाहन सेवा दी हुई है लेकिन श्रमिकों का आरोप है कि उस वाहन में मरीज कम और अस्पताल के स्टाफ का ज्यादा होता है। स्टाफ को उठाने के लिए यह वाहन चलता है और जब कोई मरीज इसमें बैठता है तो उसको बीच में ही उतार दिया जाता है या कहा जाता है कि इसमें स्टाफ के लोगों को बैठाना है।
प्रभावित मरीज अमलाराम जो कि सिद्वार्था स्पिनिंग मिलस में काम करता है ने बताया कि कल उसको बददी से गाडी में बिठाया गया तो उसको काठा अस्पताल की बजाय बीच रास्ते वर्धमान छोड दिया। उसने कहा कि आज तो मुझे रोगी वाहन में बस स्टैंड से ही चढऩे नहीं दिया गया। अमलाराम ने कहा कि आज मुझे बाकायदा गुंडो से धमकाया गया कि अगर ज्यादा बोले जो अंजाम ठीक नहीं होगा। मेलाराम चंदेल प्रदेशाध्यक्ष हिंद मजदूर सभा ने कहा कि अगर अस्पताल के प्रबंधकों ने अपना रवैया नहीं बदला तो मैं आमरण अनशन पर बैठूंगा।
आज अगर मजदूरों को सुविधाएं नहीं मिल रही तो इसके लिए केंद्र सरकार व केंद्रीय श्रम एवं स्वास्थ्य मंत्री जि मेदार है। केंद्रीय हाईकमान को तुरंत इसमें हस्तक्षेप करके श्रमिकों को सुविधाएं दिलवानी चाहिए।
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