नाहन (शैलेंद्र कालरा) : ब्रिटेन की राजधानी लंदन से दो भाईयों का 14 जून को शुरू हुआ कारवां अब तेहरान में दाखिल हो चुका है। इस अनोखी यात्रा में भाईयों का रोमांच के साथ-साथ एक मकसद भी है। दरअसल 21 देशों से गुजरते हुए भाईयों का उद्देश्य “Cry” फाऊंडेशन के लिए धन एकत्रित करना भी है। इसके तहत यात्रा में पांच हजार पौंड को एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है। भाईयों को अभी इस मकसद में दो प्रतिशत सफलता मिली है
ईरान का तबरीज शहर।यह फाऊंडेशन उन आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए कार्य करती है, जिन्हें जीवन में वह मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलती हैं, जो मध्यम वर्ग के परिवारों के बच्चों को मिलती हैं। साफ किया गया है कि यह यात्रा पूरी तरह से निजी तौर पर प्रायोजित है। यात्रा के दौरान एकत्रित होने वाली राशि को सौ फीसदी “Cry” फाऊंडेशन को ही दिया जाना है।
नाहन में भाईयों के परिवार का कहना है कि सुनील को शुरू से ही कुछ हटकर करने का शौक रहा है।
तबरीज शहर से रवाना होने से पूर्व दोनों भाईइसमें वह एवरेस्ट पर चढऩे की दो बार कोशिश कर चुके हैं। लेकिन सरकार द्वारा कार्यक्रम रद्द किए जाने के कारण सुनील को एवरेस्ट पर चढऩे का मौका नहीं मिला। सीधे तौर पर तो साफ नहीं है, लेकिन यह माना जा रहा है कि उत्तर भारत में लंदन से नाहन तक ड्राइव कर आने वाले दोनों भाई पहले ही हो सकते हैं।
इस अनोखी यात्रा को एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने 30 जून को ब्रेक किया था। गौरतलब है कि लंदन में बतौर डॉक्टर प्रैक्टिस कर रहे सुनील सैनी व राजेश सैनी ने अनोखी यात्रा को ‘‘द लांग ड्राइव होम टीम-नाहन’’ का नाम दिया है। अपने ब्लॉग में भाईयों ने खुलासा किया है कि वह इस अनोखी यात्रा का तैयारी चार साल से कर रहे थे।
क्या हुआ ईरान की राजधानी पहुंच कर?
लंदन से नाहन के सफर के दौरान टीम-नाहन का कारवां तेहरान पहुंचा।
यहां उन्हें शाकाहारी भोजन ढूंढने में दिक्कत हुई, लेकिन बेहद अच्छे लोग मिले, जिन्होंने भाईयों को शाकाहारी भोजन तलाश करने में मदद की। सुनील व राजेश के बड़े भाई संजीव सैनी ने नाहन में बताया कि परिवार उन से लगातार संपर्क में है। गौरतलब है कि टीम-नाहन अपने हर अनुभव को ब्लॉग पर साझा भी कर रही है।