शिमला (एमबीएम न्यूज): मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज एसएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा ‘एस.ए.एस. अधिकारियों की भूमिका एवं चुनौतियां’ विषय पर आयोजित द्वितीय अंतरराज्जीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस अपना रही है। एस.ए.एस अधिकारी यह सुनिश्चित बनाएं कि सार्वजनिक धन राशि जिस उद्देश्य के लिए यह राशि जारी की गई है, का एक-एक पैसे का सही उपयोग हो।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के तीव्र विकास के प्रति वचनबद्ध है, जिसके लिए लोगों को प्रभावी व उत्तरदायी प्रशासन उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार वित्तीय कार्यों में वित्तीय अनुशासन व पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एस.ए.एस. अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाना चाहिए कि लक्षित लोगों के कल्याण के लिए कार्यान्वित किए जा रहे कार्यक्रम व योजनाओं का सही कार्यान्वयन सुनिश्चित हो। उन्होंने एस.ए.एस. अधिकारियों को निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने व्यावसायिक मानकों व उत्तरदायित्व की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि एस.ए.एस. कैडर के शुरूआत के 50 पद पात्र उम्मीदवारों के उपलब्ध न होने के कारण रिक्त है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एस.ए.एस. अधिकारियों को सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन में पारदर्शिता व दक्षता सुनिश्चित बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी बड़े विभागों व सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में एस.ए.एस. अधिकारी तैनात किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्मारिका का विमोचन किया। उन्होंने एस.ए.एस. ऑफिसर्स एसोसिएशन की वैबसाइट का भी शुभारंभ किया। प्रधान सचिव वित्त डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने इस अवसर पर कहा कि एस.ए.एस. अधिकारियों का विभिन्न विभागों, बोडऱ्ों व निगमों के वित्त प्रबंधन में व्यापक भूमिका रहती है और वे वित्तीय प्रबंधन की रीढ़ है। इससे पूर्व एस.ए.एस. ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के.आर.नेगी ने मुख्यमंत्री को सम्मानित किया।